Shab e-Barat Mubarak 2020 Wishes Images, Status, Quotes, Photos, Pics, Messages: शब-ए-बारात 8 अप्रैल गुरुवार की शाम से शुरू होकर 9 अप्रैल शुक्रवार की शाम तक चलेगी। इस्लामिक मान्यता के मुताबिक, शब-ए-बारात की रात को अगर सच्चे दिल से इबादत की जाए तो गुनाहों से अल्लाह इंसान को हर गुनाह से पाक कर देता है। हालांकि इस दिन मुसलिम समुदाय के पुरुष मस्जिद जाकर इबादत करते हैं। वहीं औरते घर में नमाज़ पढ़कर अल्लाह से दुआ मांगती हैं, साथ ही अपने गुनाहों से तौबा भी करती हैं। लेकिन कोरोना वायरस के कारण इस बार लोग मस्जिद नहीं जा पाएंगें। ऐसे में सुरक्षित रहने के लिए उन्हें घर में ही इबादत करनी पड़ेगी। इस शब-ए-बारात के मौके पर आप अपने करीबी दोस्त और रिश्तेदारों को कोट्स और मैसेजेज भेजकर मुबारकबाद दे सकते हैं और उनके सलामत रहने की दुआ कर सकते हैं।
1. आज की शब रौशनी की ज़रूरत नहीं
आज चांद आसमान से मुस्कुराएगा,
तुम दुआओं का सिलसिला ज़ारी रखना
रहमतों का गुलिस्तां जमीं पर आएगा !!
शब-ए-बारात मुबारक
2. जवाब ख़ुदा है हर सवाल का,
तु नए-नए सवाल ना बना,
ये रहमत की रात है बंदे
तु वबाल ना बना।।
शब-ए-बारात मुबारक
3. यह ख़ुशक़िस्मती है हमारी हम उस मुल्क के वासी हैं,
कभी नबी ने कहा था मुझे हिन्द से ठंडी हवा आती है।।
शब-ए-बारात मुबारक
4. रात को नया चांद मुबारक,
चांद को चांदनी मुबारक,
फलक को सितारे मुबारक,
सितारों को बुलंदी मुबारक,
आपको हमारी तरफ से,
शब-ए-बारात मुबारक
5. या अल्लाह मैं तुझसे मांगता हूं,
ऐसी माफी जिसके बाद कोई गुनाह न हो,
ऐसी सेहत जिसके बाद कोई बीमारी न हो,
ऐसी रजा जिसके बाद कोई नाराजगी न हो.
शब-ए-बारात मुबारक
6. अल्लाह, तूने मुझे यह सुंदर जीवन दिया है,
तूने ही ये मुबारक रात दी है,
तू ही मेरा आने वाला कल संवारेगा,
तेरी राजा में ही मुझे खुशियां मिलेंगी.
शब-ए-बारात मुबारक
7. रहमतों की आई है रात,
नमाजों का रखना साथ,
मनवा लेना रब से हर बात,
दुआ में रखना हमें भी याद,
शब-ए-बारात मुबारक
शब-ए-बरात की पूरी रात को इबादत में गुज़ारने की परंपरा है। इस रात में नमाज़, तिलावत-ए-कुरआन, कब्रिस्तान की ज़ियारत और अपनी क्षमता के अनुसार दान- पुण्य करने में बिताया जाता है। मालवा-निमाड़ में कई प्रकार के स्वादिष्ट मिष्ठान बनाए जाते हैं। यहां पर फातेहा पढ़कर शब-ए-बारात को मनाया जाता है।
शब-ए-बारात की पूरी रात मुसलमान समुदाय के पुरुष मस्जिदों में इबादत करते हैं और कब्रिस्तान जाकर अपने से दूर हो चुके लोगों की कब्रों पर फातिहा पढ़कर उनकी मगफिरत के लिए अल्लाह से दुआ करते हैं. वहीं, दूसरी ओर मुसलमान औरतें घरों में नमाज पढ़कर, कुरान की तिलावत करके अल्लाह से दुआएं मांगती हैं और अपने गुनाहों से तौबा करती हैं. हालांकि, इस बार लॉकडाउन के चलते पुरुषों को मस्जिदों और कब्रिस्तान में जाने की इजाजत नहीं होगी. इसलिए इस बार पुरुष भी घरों में रहकर नमाज पढ़ेंगे और इबादत करेंगे.
मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में इस रात को शानदार सजावट की जाती है। इस रात को मुस्लिम धर्मावलंबियों के द्वारा जुलूस और जल्से का इंतज़ाम किए जाते हैं। शब-ए-बारात की रात शहर में कई स्थानों पर जलसों का आयोजन किया जाता है। हालांकि, इस बार लॉकडाउन के चलते पुरुषों को मस्जिदों और कब्रिस्तान में जाने की इजाज़त नहीं होगी। इसलिए इस बार पुरुष भी घरों में रहकर नमाज़ पढ़ेंगे और इबादत करेंगे।
शब-ए-बरात की पूरी रात को इबादत में गुज़ारने की परंपरा है। इस रात में नमाज़, तिलावत-ए-कुरआन, कब्रिस्तान की ज़ियारत और अपनी क्षमता के अनुसार दान- पुण्य करने में बिताया जाता है। मालवा-निमाड़ में कई प्रकार के स्वादिष्ट मिष्ठान बनाए जाते हैं। यहां पर फातेहा पढ़कर शब-ए-बारात को मनाया जाता है।
शब-ए-बारात के अगले दिन रोजा रखा जाता है। इसे लेकर मान्यता है कि रोजा रखने से इंसान के पिछली शब-ए-बारात से लेकर इस शब-ए-बारात तक के सभी गुनाह माफ कर दिए जाते हैं। हालांकि इस दिन रोजा रखना जरूरी नहीं होता है।
कोरोना वायरस के चलते मुस्लिम धर्मगुरुओं और बुद्धजीवियों ने अपील की है कि देश में फैले कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लोग शब-ए-बारात के मौके पर कब्रिस्तान, दरगाह अथवा मजारों पर जाने से बचें और घर पर ही इबादत करें।
हर शब शब-ए-बरात है हर रोज़ रोज़-ए-ईद
सोता हूँ हाथ गर्दन-ए-मीना में डाल के
रही ज़िन्दगी तो फिर बात होगी
रही ज़िन्दगी तो फिर बात होगी
ना रही ज़िन्दगी तो बस याद होगी
अगर हो कोई गलती तो माफ कर देना
क्या पता ये ज़िन्दगी की आखरी शबे ए रात होगी
इस त्योहार का इतिहास उस समय से है जब शिया मुसलमानों के बारहवें इमाम मुहम्मद अल-महदी नाम का जन्म हुआ था। शब ए बरात की रात को उनके जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। दूसरी ओर, सुन्नी मुस्लिम समुदाय का मानना है कि इस दिन, अल्लाह ने ark of Noah नोह की नाव को बाढ़ से बचाया था। यही कारण है कि दुनिया भर में लोग shab e barat मनाते हैं।
ऐ अल्लाह मैं तुझसे मांगता हूं ऐसी माफी
जिसके बाद कोई गुनाह न हो
ऐसी सेहत जिसके बाद बीमारी न हो
ऐसी रजा जिसके बाद कोई नाराजगी न हो
'शब-ए-बारात' मुबाकर हो
अगर मुझसे कोई गलती हो गई हो तो मुझे माफ कर देना
आज 'शब-ए-बारात' है खुदा की इबादत कर लेना
अगर आप खुद को माफ कर सकते हैं
तो आप दूसरों को भी माफ कर सकते हैं
'शब-ए-बारात' आपको मुबारक हो
किस्मत बादल जायगी, जरा दिल से दुआ करो,
दुनिया भी हिल जायगी अगर दिल से दुआ करो,
दीन रात में एक लम्हा कुबूल करने की घड़ी है
मंज़िल भी मिल जायेगी अगर दिल से दुआ करो।
शब-ए-बारात मुबारक हो
कबूलियत की आप पर बरसात हो...
खुशियों से आप की मुलाकात हो...
कोई अधूरी न रहे दुआ आपकी
ऐसी मुबारक ये शब-ए-बारात हो...
या अल्लाह, मैं तुझसे मांगता हूं,
ऐसी माफ़ी जिसके बाद गुनाह ना हो,
ऐसी सेहत जिसके बाद बीमारी ना हो,
ऐसी रज़ा जिसके बाद कोई नाराज़गी ना हो,
शब-ए-बारात मुबारक!
गुल को गुलशन मुबारक,
शायर को शायरी मुबारक,
चांद को चांदनी मुबारक,
आशिक को उसकी महबूबा मुबारक,
हमारी तरफ से आपको शब-ए-बारात मुबारक
रात को नया चांद मुबारक,
चांद को चांदनी मुबारक,
फलक को सितारे मुबारक,
सितारों को बुलंदी मुबारक,
आपको हमारी तरफ से,
शब-ए-बारात मुबारक
अल्लाह, तूने मुझे यह सुंदर जीवन दिया है,
तूने ही ये मुबारक रात दी है,
तू ही मेरा आने वाला कल संवारेगा,
तेरी राजा में ही मुझे खुशियां मिलेंगी.
शब-ए-बारात मुबारक
रहमतों की आई है रात,
नमाजों का रखना साथ,
मनवा लेना रब से हर बात,
दुआ में रखना हमें भी याद,
शब-ए-बारात मुबारक