Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti 2019 Wishes Quotes, Images, Status, Messages: देश जिन्हें लौह पुरुष के नाम से जानता है। जिनकी कूटनीति ने आजादी के बाद बिखरे अलग अलग रियासतों को जोड़कर पूरे हिंदुस्तान को एक राष्ट्र के रूप में सुसज्जित किया, ऐसे महापुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती 31 अक्टूबर को न सिर्फ पूरा देश बल्कि विश्व मना रहा है। उनका जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा जिले में हुआ था।
2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी और एनडीए की सरकार ने मिलकर ये फैसला लिया कि सरदार पटेल के जन्मदिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। आइए इस महापुरुष की स्वर्णिम जयंती के उपलक्ष्य में उनकी कहीं वो यादगार और सशक्त वाक्यों को जानें और दोस्तों से भी शेयर करें…
जो व्यक्ति जीवन को अत्यधिक गंभीरता से लेता है, उसे तुच्छ जीवन जीने के लिए तैयार रहना चाहिए। सुख-दुःख को समान रूप से स्वीकार करने वाला ही सही जीवन का आनंद ले पाता है। — सरदार पटेल
राष्ट्रीय एकता दिवस की शुभकामनाएं
यह हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह यह अनुभव करे की उसका देश स्वतंत्र है और उसकी स्वतंत्रता की रक्षा करना उसका कर्तव्य है. हर एक भारतीय को अब यह भूल जाना चाहिए कि वह एक राजपूत है, एक सिख या जाट है. उसे यह याद होना चाहिए कि वह एक भारतीय है और उसे इस देश में हर अधिकार है पर कुछ जिम्मेदारियां भी हैं.
'बेशक काम पूजा की तरह है लेकिन हंसी जिंदगी है। जो जिंदगी को बहुत ज्यादा सीरियल लेते हैं उन्हें तकलीफों का सामना करना पड़ता है।'
सरदार पटेल
'संस्कृति समझ बूझकर शांति पर रची गई है। मरना होगा तो वे अपने पापों से मरेंगे जो काम प्रेम, शांति से होता है, वह वैर भाव से नहीं होता। '
-सरदार वल्लभ भाई पटेल
"शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है। विश्वास और शक्ति दोनों किसी महान काम को करने के लिए आवश्यक है।"
-सरदार वल्लभ भाई पटेल
जब जनता एक हो जाती है, तब उसके सामने क्रूर से क्रूर शासन भी नहीं टिक पाता। अतः जात-पात, ऊंच-नीच का भेद भूलकर सब एक हो जाइए। — सरदार पटेल
राष्ट्रीय एकता दिवस की शुभकामनाएं
संस्कृति समझ-बूझकर शांति पर रची गयी है। मरना होगा तो वे अपने पापों से मरेंगे। जो काम प्रेम, शांति से होता है, वह हिंसा भाव से नहीं होता। — सरदार पटेल
राष्ट्रीय एकता दिवस की शुभकामनाएं
हमारी करोड़ों की दौलत चली भी जाए या पूरा जीवन बलिदान हो जाए, फिर भी हमें ईश्वर में विश्वास और सत्य पर विश्वास रखकर प्रसन्न रहना चाहिए। — सरदार पटेल
राष्ट्रीय एकता दिवस की शुभकामनाएं
जो व्यक्ति जीवन को अत्यधिक गंभीरता से लेता है, उसे तुच्छ जीवन जीने के लिए तैयार रहना चाहिए। सुख-दुःख को समान रूप से स्वीकार करने वाला ही सही जीवन का आनंद ले पाता है। — सरदार पटेल
राष्ट्रीय एकता दिवस की शुभकामनाएं
यह बिल्कुल सत्य है कि पानी में तैरने वाले ही डूबते हैं, किनारे खड़े रहने वाले नहीं, लेकिन किनारे खड़े रहने वाले कभी तैरना नहीं सीख पाते। — सरदार पटेल
राष्ट्रीय एकता दिवस की शुभकामनाएं
आपको अपना अपमान सहने की कला भी आनी चाहिए। — सरदार पटेल
राष्ट्रीय एकता दिवस की शुभकामनाएं
अधिकार मनुष्य को तब तक अंधा बना कर रखता है जब तक मनुष्य उस अधिकार को प्राप्त करने के लिए मूल्य न चुका दे। — सरदार पटेल
राष्ट्रीय एकता दिवस की शुभकामनाएं
आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आंखों को क्रोध से लाल होने दीजिये, और अन्याय का सामना मजबूत हाथों से कीजिये। — सरदार पटेल
राष्ट्रीय एकता दिवस की शुभकामनाएं
शक्ति की कमी होगी तो विश्वास व्यर्थ है। विश्वास और शक्ति, दोनों किसी बड़े काम को करने के लिए जरूरी है। — सरदार पटेल
राष्ट्रीय एकता दिवस की शुभकामनाएं
मनुष्य को हमेशा ठंडा रहना चाहिए, क्रोध नहीं। लोहा भले गर्म हो जाए, हथौड़ा तो ठंडा ही रहना चाहिए वरना वह खुद हत्था जला डालेगा। कोई भी राज्य प्रजा पर कितना ही गर्म क्यों न हो जाये, अंत में तो उसे ठंडा होना ही पड़ेगा। — सरदार पटेल
राष्ट्रीय एकता दिवस की शुभकामनाएं
देश की मिट्टी में कुछ अलग बात है, जो इतनी कठिनाइयों के बावजूद हमेशा महान आत्माओं की धरती रही है। — सरदार पटेल
राष्ट्रीय एकता दिवस की शुभकामनाएं
शक्ति के अभाव में विश्वास किसी काम का नहीं है। विश्वास और शक्ति , दोनों किसी महान काम को करने के लिए अनिवार्य हैं।
आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिये, और अन्याय का मजबूत हाथों से सामना कीजिये।
मेरी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक हो और इस देश में कोई भूखा ना हो ,अन्न के लिए आंसू बहता हुआ।
यह हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह यह अनुभव करे की उसका देश स्वतंत्र है और उसकी स्वतंत्रता की रक्षा करना उसका कर्तव्य है. हर एक भारतीय को अब यह भूल जाना चाहिए कि वह एक राजपूत है, एक सिख या जाट है. उसे यह याद होना चाहिए कि वह एक भारतीय है और उसे इस देश में हर अधिकार है पर कुछ जिम्मेदारियां भी हैं.
भारतीय इतिहास में सरदार पटेल का नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित है। इसकी वजह है उनकी देश को एक सूत्र में पिरोने वाली सोच। उन्होंने 1947 से 1949 के बीच यानी आजादी के बाद भारत की 500 से अधिक रियासतों को एक साथ कर अखण्ड भारत की दिशा में ठोस कदम बढ़ाया था।