उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने बतौर छात्र नेता अपने जीवन का पहला चुनाव लड़ा था। बाद में मुलायम सिंह लंबे समय तक विधायक और मुख्यमंत्री तक रहे, लेकिन मुलायम की पहली पसंद राजनीति नहीं बल्कि कुश्ती थी। मुलायम अपने शरीर को मजबूत बनाने के लिए कुश्ती करते थे और स्कूल के दिनों से ही वह इसमें माहिर थे। एक बार मुलायम का मुकाबला करीब 6 फीट लंबे सरयूदीन से हुआ। मुलायम उनसे कद में भी काफी छोटे थे और शरीर भी उनसे कम था।

छह फीट लंबे खिलाड़ी को दी पटखनी: अपनी किताब ‘मुलायम सिंह यादव और समाजवाद’ में देशबंधु वशिष्ठ एक ऐसे ही किस्से का जिक्र करते हैं। मुलायम कुश्ती के मंझे हुए खिलाड़ी थे और सभी दांव पेच जानते थे। दोनों के बीच मुकाबला शुरू हुआ, लेकिन करीब आधे घंटे तक इसका कोई नतीजा नहीं निकला। आखिरकार अंत में मुलायम ने सरयूदीन को अखाड़े में पटखनी दे दी और मुकाबला अपने नाम कर लिया। इसके बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए, मुलायम ने राजनीति का रास्ता चुना और सरयूदीन ने सी.आई.डी में बतौर सब-इंस्पेक्टर नौकरी जॉइन कर ली।

जब विधानसभा में सरयूदीन से हुई मुलाकात: लंबे समय बाद मुलायम और सरयूदीन की एक बार फिर मुलाकात हुई। मुलायम सिंह यादव तब तक विधायक बन चुके थे और सरयूदीन की नियुक्ति विधानसभा में ही हो गई थी। बाद में यहीं मुलायम की एक बार फिर मुलाकात विधानसभा में हुई, लेकिन मुलायम ने अपने बोली और व्यवहार से ये बिल्कुल भी नहीं लगने दिया कि वह इतने बड़े नेता बन गए हैं। वह कई बार सरयूदीन से मुलाकात के दौरान मजाक भी किया करते थे।

कुश्ती के लिए ललकारा: मुलायम और सरयूदीन के टीचर उदय प्रताप सिंह ने दोनों की मुलाकात की एक कहानी सुनाई थी। उन्होंने बताया था, ‘मुलायम एक बार क्षेत्र में आए तो उनकी मुलाकात सरयूदीन से हुई। मैं भी पीछे-पीछे चल रहा था। मुलायम ने सरयूदीन के कान में कुछ कहा और आगे बढ़ गए। मैं फिर सरयूदीन के पास गया तो उसने कहा कि मुलायम को समझा लीजिए। ये विधायक हो गए हैं, लेकिन मजाक करने से नहीं मानते। दरअसल मुलायम ने उसके कान में अपने मजाकिया अंदाज में कहा था- एक बार फिर कुश्ती करेगा?’