भारत में बड़े ही धूमधाम से गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इससे एक दिन पहले 25 जनवरी की शाम को देश के राष्ट्रपति राष्ट्र के नाम अपना संदेश देते हैं। इसके अगले दिन इंडिया गेट पर भारतीय सेना, पुलिस, बच्चे और राज्य की झांकी का आयोजन होता है। हर साल इस मौके पर एक विशिष्ट मेहमान बुलाया जाता है। इसी दिन हवा में लड़ाकू विमानों के करतब सहित मोटरसाइकिल पर स्टंट करते हुए सैनिक राष्ट्रपति को सलामी देते हुए दिखाई देते हैं। इस दिन बहुत सी सोसायटी, कॉलेज, स्कूलों आदि में भाषण प्रतियोगिता रखी जाती है। इसीलिए हम आपके लिए लाए हैं अपनी स्पीच को जोरदार बनाने की लाइनें। जिन्हें अपनी स्पीच में शामिल करके आप सभी का दिल जीत सकते हैं।
आप सभी जानते हैं कि गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है। 26 जनवरी 1950 को हमारे देश भारत का संविधान लागू हुआ था। गणतंत्र दिवस हम सभी के लिए बहुत ही गर्वपूर्ण वाला समय है। हमारा देश भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था। आजादी के बाद जरूरत थी हमें अपने देश के संविधान की और हमारे देश का संविधान बनाने में भीमराव अंबेडकर की अहम भूमिका थी। हमारा संविधान 26 जनवरी 1050 को अस्तित्व में आया। इससे पहले भारत में गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट (1935) लागू था। इसी वजह से हम हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। ये राष्ट्रीय त्योहार हमारे देश के लिए गर्व का प्रतीक है और यह देशभक्ति की भावना से जुड़ा है।
26 जनवरी आजादी से पहले भी देश के लिए एक अहम दिन था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1930 के लाहौर अधिवेशन में पहली बार तिरंगे झंडे को फहराया गया था। अधिवेशन में इसी दिन एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया गया था। सभी की सहमति से लिया गया यह फैसला पूर्ण स्वराज दिवस के तौर पर इस दिन को मनाने का था। कहा गया था कि इसी दिन सभी स्वतंत्रता सेनानी स्वराज का प्रचार करेंगे। इस तरह 26 जनवरी अघोषित रूप से भारत का स्वतंत्रता दिवस बन गया। गणतंत्र दिवस के दिन होने वाली परेड आज भारत की दुनिया में पहचान बन चुकी है।
जिस दिन भारत पूरी तरह से गणतंत्र घोषित किया गया और जिस दिन देश में संविधान लागू हुआ वो दिन है 26 जनवरी 1950। इसी दिन सूर्योदय के साथ भारत की राजधानी दिल्ली में भारतीय गणराज्य के रूप में देश के नवीन युग का उदय हुआ था। इसी दिन पंडित जवाहर लाला नेहरू ने 1930 में लाहौर में रावी नदी के तट पर रात के एक बजे कांग्रेस अधिवेशन में कहा था कि- आज से हम स्वतंत्र हैं और देश की स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिए हम अपने प्राणों को स्वतंत्रता की बलिदेवी पर होम कर देंगे और हमारी स्वतंत्रता छीनने वाले शासकों को सात समंदर पार भेजकर ही सुख की सांस लेंगे।

