Republic Day 2020 26th January Speech, Essay, Nibandh, Bhashan, Quotes, Poem, Kavita in Hindi: तकरीबन 200 सालों तक गुलामी के बाद भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ। आजादी के बाद देश को एक ऐसे संविधान की जरूरत हुई जिससे देश को न सिर्फ मजबूत बनाया जा सके बल्कि देश को तरक्की के रास्ते पर भी ले जाया जा सके। 26 जनवरी 1950 को भारत का नया सविंधान लागू किया। उसी दिन से राष्ट्रपति को देश का सर्वोच्च पद भी कहा जाने लगा। राष्ट्रपति को ही तीनों सेनाओं का प्रमुख माना गया। यही कारण है कि राष्ट्रपति को गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड सलामी देती है।
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26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? इसका जवाब भी आजादी के आंदोलन से जुड़ा है। सन 1930 में 26 जनवरी के ही दिन रावी नदी के तट पर कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा कर दी थी। 26 जनवरी 1930 को ही प्रण लिया गया था कि जब तक पूर्ण स्वतंत्रता नहीं मिल जाती स्वाधीनता संग्राम आंदोलन चलता रहेगा। इसी वजह से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के तौर पर चुना गया। इसी दिन हम पूर्ण रूप से स्वाधीन हो गए उस दिन लार्ड माउंटबेटन ( गवर्नर जनरल) के स्थान पर डॉ राजेंद्र प्रसाद देश के पहले राष्ट्रपति बने।
देश में 26 जनवरी (26 January) को लोग हर साल की तरह इस साल भी अपना गणतंत्र दिवस (Republic Day) धूमधाम से मनाएंगे। दिल्ली में राजपथ पर शानदार परेड के साथ-साथ देशवासी अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के गवाह बनते हैं। इसके अलावा पूरे देश में भी इस दिन कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन होता है। स्कूल, कॉलेजों में झंडा फहराने के बाद कविता, शेर-ओ-शायरियों का दौर भी चलता है। ऐसे में हम आपको बताएंगे गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में सुनाई जाने वालीं कविताएं।
1. मत घबराओ, वीर जवानों
वह दिन भी आ जाएगा।
जब भारत का बच्चा बच्चा देशभक्त बन जाएगा।।
कोई वीर अभिमन्यु बनकर ,
चक्रव्यू को तोड़ेगा
कोई वीर भगत सिंह बनकर अंग्रेजो के सिर फोढेगा।।
धीर धरो तुम वीर जवानों ,
मत घबराओ वीर जवानों
वह दिन भी आ जायेगा
जब भारत का बच्चा बच्चा देशभक्त बन जाएगा।।
2. आजादी की शाम कभी न होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे,
बची हो जो एक बूंद भी गरम लहू की,
तब तक भारत माता का आंचल नीलाम नहीं होने देंगे।
3. आज तिरंगा फहराते हैं
अपनी पूरी शान से
हमें मिली है आजादी
वीर शहीदों के बलिदान से।
आजादी के लिए हमारी
लंबी चली लड़ाई थी
लाखों लोगों ने प्राणों से
कीमत बड़ी चुकाई थी।
4. माह जनवरी छब्बीस को हम
सब गणतंत्र मनाते।
और तिरंगे को फहरा कर,
गीत खुशी के गाते।
संविधान आजादी वाला,
बच्चो! इस दिन आया।
इसने दुनिया में भारत को,
नव गणतंत्र बनाया।।
क्या करना है और नही क्या?
संविधान बतलाता।
भारत में रहने वालों का,
इससे गहरा नाता।।
5. सौगातों की सौगात है, गणतंत्र हमारा महान है,
आकार में विशाल है, हर सवाल का जवाब है,
संविधान इसका संचालक है, हम सब का वो पालक है,
लोकतंत्र जिसकी पहचान है, हम सबकी ये शान है,
गणतंत्र हमारा महान है, गणतंत्र हमारा महान है।
6. लेकर शिक्षा कहीं, कभी भी,
ऊंचे पद पा सकते।
और बढ़ा व्यापार नियम से,
दुनिया में छा सकते।।
देश हमारा, रहें कहीं हम,
काम सभी कर सकते।
पंचायत से एम.पी. तक का,
हम चुनाव लड़ सकते।।
लेकर सत्ता संविधान से,
शक्तिमान हो सकते।
और देश की इस धरती पर,
जो चाहे कर सकते।।
लेकिन संविधान को पढ़कर,
मानवता को जाने।
अधिकारों के साथ जुड़ें,
कर्तव्यों को पहचानो।