रिलायंस इंडस्ट्रीज के फाउंडर धीरूभाई अंबानी ने एक छोटी सी शुरुआत से जो बड़ा मुकाम हासिल किया, कम ही लोग वैसा कर पाते हैं। उन्होंने अपने मेहनत के बल पर एक बड़ा औद्योगिक साम्राज्य खड़ा किया जो आज भी फल- फूल रहा है। धीरूभाई अंबानी केवल पैसों से ही धनी नहीं थे बल्कि अपनी कंपनी में काम करने वालों से भी उनका गहरा लगाव था। वो अपने एंप्लॉयज से अक्सर मजाकिया लहजे में बात भी किया करते थे। इसी तरह के एक उम्रदराज एंप्लॉय थे अदन से आए गुलाबचंद, जिनके साथ हर अप्रैल फुल के दिन धीरूभाई कोई न कोई प्रैंक किया करते थे।

जब गुलाचंद को डिनर पर बुलाकर उनके ही घर चले गए धीरूभाई अंबानी- हैमिश मैकडोनाल्ड अपनी किताब, ‘अंबानी एंड संस’ में लिखते हैं, ‘एक बार धीरूभाई अंबानी ने सभी को मफतलाल बाथ में एक जगह डिनर पर बुलाया। गुलाबचंद को टैक्सी में वखारिया और रमनभाई पटेल के साथ आना था। वो ग्रुप के चौथे सदस्य को लेने के लिए मरीन ड्राइव पर एक बिल्डिंग के सामने रुके। वखारिया और रमनभाई पटेल उसे लाने के लिए बिल्डिंग के अंदर गए तो वापस आए ही नहीं।’

हैमिश मैकडोनाल्ड आगे लिखते हैं, ‘जब कुछ देर बाद वो लोग वापस नहीं आए तो गुलाबचंद अकेले ही टैक्सी से मफतलाल बाथ पहुंचे, लेकिन वहां कोई नहीं था। जब वो घर लौटकर आए तो क्या देखते हैं कि धीरूभाई अंबानी और उनके सभी कलीग्स उनकी पत्नी द्वारा बनाया हुआ खाना खा रहे हैं।’

जब ब्लैकआउट में भी पुलिस वालों को झूठ बोलकर घूमने निकल गए थे धीरूभाई अंबानी – साल 1965 में जब भारत पाकिस्तान का युद्ध चल रहा था, तब सुरक्षा के मद्देनजर बॉम्बे में ब्लैकआउट कर दिया गया था। हैमिश मैकडोनाल्ड अपनी किताब में वखारिया के हवाले से लिखते हैं, ‘रात के 10 बजे धीरूभाई अंबानी ने मुझसे कहा कि चलो शहर घूमकर आते हैं। धीरूभाई अंबानी शहर में निकल गए और पुलिस वालों को बताया कि वो अपने बिजनेस के सिलसिले में जरूरी काम से बाहर निकले हैं। उन्होंने पुलिस वालों को 10 रुपए के टिप भी दिए।’

किताब में आगे लिखा है, ‘रास्ते में हमने देखा कि जापान के वाणिज्य दूतावास में कुछ लाइटें जल रही हैं। यह देखकर धीरूभाई अंबानी वाणिज्य दूतावास के अंदर गए और वहां लोगों से कहा कि वो लाइट बंद कर दें।’

 

आधी रात को अचानक पिकनिक का प्लान कर धर्मशाला में ले गए धीरूभाई अंबानी- धीरूभाई अंबानी ने एक बार पिकनिक प्लान किया और वो भी रात के 11 बजे। कड़कती सर्दी थी और ऐसे में धीरूभाई अंबानी ने वखारिया से कहा कि वो पिकनिक के लिए चल रहे हैं, कहां चल रहे हैं, इसका जिक्र उन्होंने नहीं किया।

 

वखारिया बताते हैं, ‘बॉम्बे से 50-60 किलोमीटर दूर, रात 3 बजे हम राजेश्वरी पहुंचे। ठंड बहुत ज्यादा थी और हम एक हॉट स्प्रिंग रिजॉर्ट के पास धर्मशाला में पहुंचे। धर्मशाला साधुओं के लिए थी। धीरूभाई अंबानी ने कहा कि हम सभी यही सोएंगे। आधे घंटे बाद ठंड से हम कांपने लगे तो धीरूभाई ने आग जलाई। जब सूरज निकला तब हम सबने चाय पी और गर्म झरने में स्नान किया। आग पर ही हमने खिचड़ी बनाई। हमने वहां बैठकर गाने गाए, जोक्स कहे और दोपहर बाद ही हम घर वापस आए।’