इस्लाम धर्म में रमजान के महीने का बेहद महत्व है। इस पूरे महीने मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह की इबादत करते हुए उनके नाम का रोज़ा रखते हैं। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान साल का नौवां महीना होता है। वहीं, माना जाता है कि इस महीने में मोहम्मद साहब को साल 610 में लेयलत उल-कद्र के मौके पर पवित्र कुरान शरीफ का ज्ञान प्राप्त हुआ था। ऐसे में मुस्लिम धर्म के लोग महीनेभर अल्लाह के नाम का रोज़ा रखते हैं और महीने के अंत में बड़ी ही धूमधाम के साथ ईद-उल-फितर का त्योहार मनाते हैं। इसी कड़ी में आइए जानते हैं इस बार रमजान कब से शुरू हो रहे हैं और भारत में चांद कब दिखेगा।

भारत में कब से शुरू हो रहा है रमजान का महीना?

दरअसल, भारत में रमजान 2024 का महीना कब से शुरू हो रहा है, ये मक्का में चांद के दिखने पर निर्भर है। अगर सऊदी अरब में चांद 10 मार्च को दिखाई देता है, तो भारत में पहला रोज़ा 11 तारीख को रखा जाएगा। वहीं, अगर चांद 11 तारीख को दिखता है, तो पहला रोज़ा 12 तारीख को होगा। यानी साऊदी अरब में पवित्र मक्का में चांद के दीदार के बाद से ही माह-ए-रमजान का आगाज हो जाएगा। हालांकि, माना जा रहा है कि आज यानी 10 मार्च को चांद दिखाई दे सकता है।

वहीं, पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी भारत के साथ-साथ ही रमजान की शुरुआत हो जाती है। भारत समेत दूसरे दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में मक्का में चांद दिखने के 24 घंटे बाद चांद का दीदार हो जाता है।

कितने घंटों का होगा पहला रोज़ा?

बता दें कि इस साल पहला रोज़ा सबसे छोटा होने वाला है, जो करीब 13 घंटे 20 मिनट का होगा, जबकि आखिरी रोज़ा सबसे लंबा, 14 घंटे और 8 मिनट का होने वाला है।

रोज़े के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग केवल सूरज ढलने के बाद शाम को इफ़्तार में और सुबह सूर्योदय से पहले सुहूर यानी सहरी के समय ही कुछ खा या पी सकते हैं। इससे अलग दिनभर पानी तक पीने की अनुमति नहीं होती है। यानी आपको पूरे दिन भूखा और प्यासा रहना पड़ता है।

वहीं, माना जाता है कि पवित्र रमजान महीने का पहला अशरा रहमत का होता है, दूसरा अशरा मग़फिरत का होता है और तीसरा जहन्नम से आजादी का होता है। ‘अशरा’ दरअसल अरबी का दस नंबर होता है। यानी रमजान के पहले दस दिन (1-10) में पहला अशरा, दूसरे 10 दिन (11-20) में दूसरा अशरा और तीसरे 10 दिन (21-30) में तीसरा अशरा बंटा हुआ है। इस तरह रमजान के महीने में 3 अशरे होते हैं। इस दौरान रहमत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं और पूरे नियम और सच्चे मन के साथ रोज़ा रखने से अल्लाह रोजेदार के सारे गुनाह माफ कर देते हैं।