Tips for Pregnancy: गर्भावस्था हर महिला के लिए बेहद महत्वपूर्ण और नाजुक समय होता है। गर्भवती महिलाओं की छोटी-छोटी आदतें भी शिशु पर गहरा प्रभाव डालती हैं। आमतौर पर गर्भवती महिलाओं को शारीरिक स्वास्थ्य और साफ-सफाई की ओर ध्यान रखने की सलाह दी जाती है और उनकी मानसिक स्थिति पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता। प्रेग्नेंसी के ज्यादातर मामलों में मेंटल हेल्थ को अनदेखा कर दिया जाता है। हाल में हुए एक शोध के मुताबिक होने वाले शिशु की इम्यूनिटी का सीधा संबंध प्रेग्नेंसी के दौरान मां के मानसिक स्वास्थ्य से है। आइए जानते हैं ‘ओनली माय हेल्थ’ की इस खबर से कि कैसे प्रेग्नेंट महिलाओं का मेंटल हेल्थ शिशु पर असर करता है।
महिलाओं के मेंटल हेल्थ का क्या है प्रेग्नेंसी के दौरान रोल: क्लिनिकल एंड एक्सपेरीमेंटल एलर्जी नामक जर्नल में छपी इस शोध के अनुसार, गर्भावस्था के शुरुआती 3 महीनों में जो महिलाएं डिप्रेशन की शिकार थीं, दूसरों की तुलना में उनके बच्चों की इम्यूनिटी 50 परसेंट तक कम थी। हालांकि, डिप्रेशन के लक्षण इतने ज्यादा भी नहीं थे कि उन्हें किसी मेडिकल हेल्प की जरूरत हो। इसका मतलब ये है कि जेनरल एंजाइटी, स्ट्रेस और डिप्रेशन का भी होने वाले शिशु पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। वहीं, इस रिपोर्ट में इस बाक का उल्लेख भी है कि शिशु के जन्म होने के बाद अगर मां डिप्रेशन में जाती है तो उसका बच्चे के स्वास्थ्य से कोई सीधा संबंध नहीं है।
इम्यूनिटी है जरूरी: हर किसी के शरीर में इम्यूनिटी और इम्यून सिस्टम का होना बहुत जरूरी है। शरीर को वायरस, बैक्टीरिया, कीटाणु और बीमारियों से बचाने की जिम्मेदारी इम्यून सिस्टम की ही होती है, साथ ही साथ शरीर के अंदरूनी दिक्कतों को ठीक करने में भी ये सक्षम है। स्ट्रॉन्ग इम्यूनिटी की तुलना में कम इम्यूनिटी वाले लोगों में लगातार बीमार पड़ने का खतरा अधिक रहता है। खबर के अनुसार, हर व्यक्ति का इम्यूनिटी उनकी माता के स्वास्थ्य पर काफी हद तक निर्भर करता है।
गर्भवती महिलाओं को रहना चाहिए मेंटली स्टेबल: इससे पहले भी गर्भावस्था के दौरान मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को लेकर कई शोध किए जा चुके हैं। इंटरनैशनल स्टडी ऑफ अस्थमा एंड एलर्जीज इन चाइल्डहुड के मुताबिक, अगर प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं मानसिक रूप से हेल्दी नहीं रहती हैं तो होने वाले बच्चे को अस्थमा और कई अन्य सांस संबंधी बीमारियां की चपेट में आने का खतरा अधिक होता है।