प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दौरान शरीर में हार्मोनल परिवर्तन की वजह से गर्भवती महिलाओं को काफी तकलीफ उठानी पड़ती है। प्रेग्नेंसी में पेट दर्द होना भी इसी तरह की एक समस्या है। अमेरिकन प्रेग्नेंसी एसोसिएशन के अनुसार तकरीबन पचास प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को खाना खाने के बाद पेट में दर्द होने की शिकायत होती है। आज हम आपको बताते हैं कि प्रेग्नेंसी के समय ऐसा क्यों होता है।

प्रेग्नेंसी में फूड प्वाइजनिंग की वजह से मां और बच्चे दोनों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। अपच के अलावा इसकी वजह से गर्भवती महिलाओं में ऊल्टी, डायरिया, मतली और डिहाइड्रेशन की भी शिकायत हो सकती है। फूड प्वाइजनिंग की समस्या अक्सर दूषित खाना खाने की वजह से सामने आती है। गर्भावस्था के दौरान आपका शरीर खाना खाने की वजह से होने वाली बीमारियों के प्रति काफी संवेदनशील होता है। ऐसे में आपको खाना खाने को लेकर काफी सतर्क रहना चाहिए। इस अवस्था में बाहर के खाने से परहेज करना और अनपाश्चुराइज्ड दूध का सेवन न करना ही प्रेग्नेंट महिला के लिए बेहतर होता है। प्रेग्नेंसी में कच्चा भोजन या फिर अधपका भोजन भी काफी खतरनाक होता है।

सामान्यतः हमारा शरीर खाने को पचाने के लिए 6 से 24 घंटे का समय लेता है, लेकिन प्रेग्नेंसी में पाचन क्रिया थोड़ी धीमी हो जाती है। ऐसे में गर्भवती महिला को कम खाने की सलाह दी जाती है। उन्हें चाहिए कि थोड़ा-थोड़ा करके दिन में कई बार खाएं, इससे पेट संबंधी समस्याओं से थोड़ी आराम मिलेगा। इसके अलावा दिन में ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की कोशिश करें। यह पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में काफी मदद करता है। भोजन में ज्यादा से ज्यादा फाइबर का इस्तेमाल करें। फाइबर को पचाना अन्य खाद्यों के मुकाबले थोड़ा आसान होता है। अगर इन उपायों को आजमाने के बाद भी आपको पेट में लगातार दर्द बना रहता है तो यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।