जीरा तमाम स्वास्थ्यवर्द्धक गुणों से भरपूर होता है। तड़का लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला जीरा वजन घटाने, एनीमिया, याद्दाश्त को दुरूस्त रखने में, पाचन आदि समस्याओं से निजात दिलाने में काफी मददगार होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि जीरे में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जिनसे दिल संबंधी कई बीमारियों की संभावना काफी कम हो जाती है। साथ ही साथ डिलीवरी के बाद अगर जीरे का पानी पिया जाए तो कई तरह की समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। तो आइए, जानते हैं कि जीरे के पानी की वजह से गर्भावस्था के बाद होने वाली किन-किन दिक्कतों को कम किया जा सकता है।
दूध न बनना – डिलीवरी के बाद अक्सर मांओं में दूध न बनने की समस्या सामने आती है और स्तनपान बच्चे की सेहत के लिए बेहद आवश्यक आहार होता है। ऐसे में जीरे के पानी का नियमित सेवन करने से इस समस्या से निजात मिल सकती है। ऐसा कहा जाता है कि जीरे के पानी का सेवन करने से दूध बनने लगता है।
एनीमिया की शिकायत – प्रेग्नेंसी के दौरान एनीमिया की शिकायत भी काफी देखी जाती है। जीरे का पानी शरीर में खून की कमी को पूरा करता है। इस तरह से यह गर्भवती महिलाओं को एनीमिया की चपेट में आने भी बचाता है।
कोलस्ट्रॉल और बीपी की दिक्कत – कोलेस्ट्रॉल और बीपी नियंत्रित करने में जीरा-पानी काफी कारगर होता है। पानी में थोड़ा सा जीरा उबाल कर इसे छान लें। इसके नियमित सेवन से कोलेस्ट्रॉल और बीपी कंट्रोल में रहता है। इससे दिल से जुडी परेशानियां होने का खतरा भी कम हो जाता है। डिलीवरी के बाद जीरे का पानी पीना बहुत फायदेमंद है।
वजन बढ़ जाना – गर्भावस्था में अक्सर औरतों का वजन बढ़ जाता है। जीरे में मेटाबॉलिज्म बेहतर करने वाले पोषक तत्व मौजूद होते हैं। साथ ही साथ यह शरीर में अतिरिक्त फैट को कम करने के लिए भी जाना जाता है। इसलिए बच्चे को जन्म देने के बाद बढ़े हुए वजन को कम करने के लिए जीरे के पानी का सेवन काफी लाभकारी होता है।![]()

