प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर कई तरह के हार्मोनल परिवर्तन के दौर से होकर गुजरता है। जिस वजह से कई तरह की शारीरिक या मानसिक परेशानियों से दो चार होना पड़ता है। इस दौरान हार्मोनल परिवर्तन, नींद की कमी, शारीरिक या भावनात्मक तनाव के चलते सरदर्द की समस्या भी उभरती है। इनमें कुछ गर्भवती महिलाओं को पहले से सरदर्द की शिकायत नहीं होती है लेकिन इस दौरान उन्हें सिरदर्द की समस्या से जूझना पड़ता है। सरदर्द से पीड़ित होने पर अधिकांश गर्भवती महिलाएं दवाओं का सेवन करना शुरू कर देती हैं। जबकि प्रेग्नेंसी के दौरान दवाओं का सेवन सही नहीं है। इस दौरान सरदर्द से बचने के लिए तमाम तरह के अन्य उपाय आजमाए जा सकते हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान दवाओं का प्रयोग होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। बच्चे के विकास पर इसका बुरा असर पड़ता है। ऐसे में बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी तरह तरह की दवा के सेवन नहीं करना चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान सरदर्द से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा आराम को तरजीह देना चाहिए। किसी भी प्रकार के तनाव से मुक्त रहने की कोशिश करनी चाहिए। सर दर्द से बचने के लिए योग का सहारा लिया जा सकता है। इसके अलावा प्रेग्नेंट होने के दरमियान सरदर्द होने पर किसी शांत कमरे में पैर फैलाकर आराम से बैठें। इससे भी सरदर्द से काफी राहत मिलती है। इसके अलावा सरदर्द से बचने के लिए अपनी गर्दन को पीछे कर सर पर ठंडे पानी का सेंक लें। बीस मिनट तक ऐसा करने से सरदर्द से निजात मिलता है।
इसके अलावा ज्यादा भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से भी सरदर्द की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसलिए ऐसी जगहों पर जाने से थोड़ा परहेज करें तो बेहतर है। ज्यादा से ज्याद पानी पिएं और थोड़ी-थोड़ी देर पर कुछ न कुछ खाते रहें, जिससे किसी भी तरह की कमजोरी न हो। रोज कुछ कदम पैदल चलने तथा कुछ हल्के-फुल्के गर्भावस्था वाले व्यायाम करने से भी सरदर्द से काफी राहत मिलती है। प्रेग्नेंसी में पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी है। कम सोने की वजह से भी सरदर्द की समस्या आती है। कंधे और गर्दन की मालिश करने से तनाव दूर होता है। ऐसे में सरदर्द से निपटने में यह रास्ता भी काफी कारगर है।

