प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कई तरह की सेहत से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शरीर में हो रहे तमाम तरह के बदलावों की वजह से उन्हें कई तरह की बीमारियां भी परेशान करती रहती हैं। प्रेग्नेंसी में महिलाओं का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर हो जाता है। ऐेसे में स्वास्थ्य समस्याओं का हमला आम बात है। सर्दी और खांसी होना प्रेग्नेंसी के समय की आम तकलीफ है। हर गर्भवती महिला को इससे बचाव की हर संभव कोशिश करनी चाहिए।

खांसी एक संक्रामक रोग है। किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहने से खांसी की समस्या आसानी से हो सकती है। प्रेगनेंसी के दौरान भी सर्दी और खांसी के लक्षण वही होते हैं, जैसा कि सामान्य दिनों में। खांसी का सबसे सामान्य लक्षण होता है गला खराब होना। गर्भावस्था के दौरान यूं तो खांसी की वजह से गला खराब होने की समस्या आती है लेकिन इसके पीछे प्रेग्नेंसी की कमजोरी भी अहम कारण होती है। सर्दी-खांसी की चपेट में आने वाली महिला को छींक आने और बंद नाक की समस्या से भी जूझना पड़ता है। अगर सर्दी के साथ बुखार की शिकायत भी होती है तो यह फ्लू का संकेत हो सकता है।

ये सभी लक्षण यूं तो दो हफ्तों में गायब हो जाते हैं और इसका कोई दूरगामी स्वास्थ्य दुष्प्रभाव भी नहीं होता है।लेकिन फिर भी इन समस्याओं से निपटने के उपाय जरूर किए जाने चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान सर्दी-खांसी के मामले में प्राकृतिक उपचार बेहतर तरीका होता है। ऐसे में किसी भी तरह की रासायनिक दवाइयों का प्रयोग बच्चे के विकास पर बुरा असर डाल सकता है। लहसुन के कफ सिरप या फिर अदरक का इस्तेमाल उपचार के तौर पर किया जा सकता है। ये दोनों प्राकृतिक औषधियों के निर्माण में प्रयोग किए जाते हैं और इनसे मां और बच्चे दोनों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता है। अदरक के छोटे टुकड़े को चबाते रहना भी एक तरह से प्राकृतिक चिकित्सा ही है। यह आपके बच्चे को नुकसान पहुंचाए बिना ही आपकी खांसी को जल्दी ही ठीक कर देती है।