कई तरह के शोधों में स्तनपान के तमाम फायदों के बारे में पता लगाया गया है। मां का दूध बच्चे की सेहत के लिए तो वरदान होता ही है, लेकिन इससे मां को भी होने वाले फायदे कम नहीं हैं। हाल ही में रायटर्स में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बताया गया है कि स्तनपान की वजह से महिलाओं में एंडोमेट्रिअल कैंसर का खतरा काफी कम हो जाता है। पूर्व के शोधों से यह बात प्रमाणित की जा चुकी है कि ब्रीस्टफीडिंग यानी कि स्तनपान की वजह से महिलाओं में ब्रीस्ट कैंसर का खतरा कम हो जाता है। अब इस नए शोध में यह कहा गया है कि जो महिलाएं 11 प्रतिशत कम स्तनपान कराती हैं, उनमें एंडोमेट्रिअल कैंसर होने का खतरा अधिक होता है, जबकि लंबे समय तक स्तनपान कराने वाली महिलाएं इस खतरे से काफी हद तक मुक्त रहती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर महिला को बच्चे को जन्म देने के बाद कम से कम 6 महीने तक स्तनपान कराना ही चाहिए।

इस शोध में अमेरिका, चीन, यूरोप और कनाडा सहित कई देशों की महिलाओं से पूछताछ कर डेटा एकत्रित किया गया था। तकरीबन 26,000 ऐसी महिलाओं को इस अध्ययन में शामिल किया गया था जिनके पास बच्चे थे और जिन्होंने कभी न कभी स्तनपान कराया था।इनमें तकरीबन 9,000 महिलाएं ऐसी थीं जो एंडोमेट्रिअल कैंसर से पीड़ित थीं। एंडोमेट्रिएल कैंसर महिलाओं के गर्भाशय से शुरू होता है। यह दुनियाभर की महिलाओं में होने वाला एक आम कैंसर है, जिसमें कैंसर कोशिकाएं गर्भाशय की परत पर बनती और फैलती हैं। इसे गर्भाशय कैंसर के नाम से भी जाना जाता है।

इस तरह के कैंसर होने के कुछ खास लक्षण होते हैं, जिनका पता लगाकर समय रहते इन पर नियंत्रण पाया जा सकता है। ये लक्षण हैं –

योनि से खून का आना
योनि से असामान्य स्राव
श्रोणि में दर्द
मासिक चक्र के बीच खून का आना