Pongal Recipe: पोंगल, नई फसल की कटाई और संपन्नता से जुड़ा त्योहार है। इस त्योहार को पूरा दक्षिण भारत बड़ी खूबसूरती के साथ मनाता है। इस त्योहार को लगातार 4 दिन तक अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। इस त्योहार पर इंद्र देव और सूर्य की उपासना की जाती है और फिर प्रकृति से जुड़ी तमाम चीजों जैसे इंद्र, सूर्य, गाय और बैलों की उपासना की जाती है। पर इस त्योहार का नाम किसी रेसिपी के साथ जुड़ा हुआ है। कैसे, आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

पोंगल का मतलब क्या होता है-What is mean by pongal?

पोंगल शब्द, तमिल में, पोंगु शब्द से निकला है जिसका अर्थ है ‘उबलना’ और इसी शब्द से पोंगल की उत्पत्ति हुई है। दरअसल, इस त्योहार की जो मुख्य डिश है उसका उबलना इस त्योहार के लिए शुभ माना जाता है। तो इस त्यौहार के दौरान एक बर्तन में दूध, गुड़ और इलायची के साथ नए चावल का मिश्रण यानी पोंगल तैयार किया जाता है। इस दौरान दूध का बहना समृद्धि और आने वाले साल के लिए ग्रोथ का प्रतीक माना जाता है। लोग ‘पोंगालो पोंगल’ चिल्लाकर इस पल का जश्न मनाते हैं।

यह त्यौहार कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी में भी मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि अविवाहित लड़कियां देश की कृषि समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हुए तपस्या करती हैं। वे सुबह जल्दी स्नान करती हैं और दूध या अन्य डेयरी उत्पादों का सेवन नहीं करती हैं। फिर पोंगल बनाकर भगवान को चढ़ाती हैं और इसकी के साथ गन्ना, सब्जियां और मसालों के साथ ये प्रकृति की पूजा की जाती है।

पोंगल रेसिपी क्या है-Pongal Recipe in Hindi

सामग्री
-चावल
-दाल
-गुड़
-दूध
-काजू, किशमिश और बाकी ड्राई फ्रूट्स
-इलायची

  • पोंगल कैसे बनाते हैं-How to make Pongal in hindi

-पोंगल बनाने के लिए चावल और दाल दोनों को धोकर रख लें।
-फिर इन दोनों को सीटी लगा लें।
-अब एक कड़ाही में गुड़ पिघला लें और फिर इसमें चावल दाल डालकर पकाएं।
-इसके बाद इसमे दूध डालें और एक उफान लें ऐसे कि दूध गिर जाए और फिर गैस बंद कर दें।
-इसके बाद इसमें काजू, किशमिश और बाकी ड्राई फ्रूट्स मिलाएं।
-इलायची पाउडर मिलाएं और फिर इसे सर्व करें।

इस प्रकार से आप इस पोंगल रेसिपी को बनाकर आराम से खा सकते हैं। तो ये थी पोंगल से जुड़ी एक छोटी सी कहानी। इसी के साथ पढ़ें पोंगल की हार्दिक शुभकामनाएं संदेश