मकर संक्रांति से अलग आज यानी 14 जनवरी से पोंगल के पर्व की शुरुआत भी हो चुकी है। बता दें कि पोगल दक्षिण भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। खासकर तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल में लोग सालभर पोंगल का इंतजार करते हैं और इस पर्व को खूब धूमधाम के साथ मनाते हैं।

क्यों मनाते हैं पोंगल?

दरअसल, जिस तरह नई फसल के आगमन पर पंजाब में लोहड़ी, गुजरात में उत्तरायण और उत्तर भारत में मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है, ठीक उसी तरह दक्षिण भारत में पोंगल फसल कटाई और संपन्नता के प्रतीक का उत्सव होता है। हालांकि, बाकी त्योहारों से अलग पोंगल 4 दिनों तक सेलिब्रेट किया जाता है। इस पर्व की शुरुआत तमिल महीने की पहली तारीख से होती है। इस साल ये खास पर्व 14 जनवरी से लेकर 17 जनवरी तक मनाया जाएगा।

कैसे मनाया जाता है पोंगल?

जैसा कि ऊपर जिक्र किया गया है, पोंगल 4 दिनों तक चलने वाला पर्व है। इन 4 दिनों को अलग-अलग नाम दिए गए हैं और इन दिनों को अलग-अलग तरह से सेलिब्रेट किया जाता है। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से-

खास होते हैं पोंगल के ये 4 दिन-

भोगी पांडिगई (Bhogi Pandigai)

पोंगल के पहले दिन को भोगी पांडिगई कहते हैं। इस दिन इंद्र देव की पूजा की जाती है। भोगी पांडिगई पर लोग सबसे पहले अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं। इस दौरान वे घर में रखी पुरानी और खराब चीजों को बाहर निकालते हैं, घर को सुंदर सजाते हैं और शाम के समय उन खराब-पुराने सामान से अलाव जलाते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से घर से सभी नकारात्मक चीजें बाहर निकल जाती हैं।

थाई पोंगल (Thai Pongal)

पोंगल के दूसरे दिन को थाई पोंगल कहा जाता है। चार दिनों में इस दिन को सबसे खास माना जाता है। इस दिन लोग सूर्य देव की पूजा-अर्चना करते हैं और खेतों में जाकर अच्छी फसल की कामना करते हुए सूर्यदेव को भोग चढ़ाते हैं।

मट्टू पोंगल (Mattu Pongal)

पोंगल के तीसरे दिन को मट्टू पोंगल नाम दिया गया है। अब, क्योंकि फसल को जोतने में मवेशियों का अहम योगदान होता है। ऐसे में पौंगल का तीसरा दिन मवेशियों को अर्पित है। इस दिन लोग अपने घरों में मौजूद मवेशियों की पूजा करते हैं, उन्हें अच्छा भोग देते हैं और उनकी सेवा भी करते हैं।

कन्या पोंगल (Kanaya Pongal)

पोंगल के चौथे और आखिरी दिन को कन्या पोंगल कहते हैं। इस दिन सूर्यदेव को गन्ने, दूध, चावल, घी आदि चीजों से पकवान बनाकर भोग लगाया जाता है।

इस तरह दक्षिण भारत के लोग इन 4 दिनों को खूब धूमधाम से सेलिब्रेट करते हैं। उम्मीद है ये जानकारी आपको पसंद आई होगी। इससे अलग यहां क्लिक कर पढ़ें- Kolam Rangoli क्या है? देखें और सेव करें पोंगल पर बनाई जाने वाली ट्रेडिशनल रंगोली डिजाइन