Swami Ramdev Tips: आजकल हर दूसरा इंसान पेट में गैस (Pet me gas) बनने या कब्ज (Constipation) की शिकायत से परेशान है। अनियमित दिनचर्या, बाहर से अनहेल्दी फूड खाने की वजह से लोग पेट से जुड़ी दिक्कतों (Stomach Problems) का सामना रहे हैं। कई लोग इससे राहत पाने के लिए बाजार से सिरप या दवा खरीद कर खाने लगते हैं। लेकिन लंबे समय तक ऐसा करना आपकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
पेट से जुड़ी दिक्कतों को जड़ से खत्म करने के लिए आपको अपने खानपान पर ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही दवा की बजाए आपको आयुर्वेदिक उपचार की तरफ रुख करना चाहिए। योग गुरु बाबा रामदेव ने पेट में गैस और कब्ज को दूर करने के लिए कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बताया है जिससे आपको यकीनन लाभ मिलेगा। बस इन्हें नियमित अपनी दिनचर्या में शामिल करना है।
पेट में गैस और कब्ज दूर करने के लिए क्या करें?
बाबा रामदेव ने बताया कि अगर आप लंबे समय से पेट में गैस बनने या कब्ज की समस्या से परेशान हैं तो आपको उत्तानपादासन, नौकासन और सेतुबंध आसन करना चाहिए। इससे आपको कुछ दिनों में भी असर दिखना शुरू हो जाएगा। आइए जानते हैं इन्हें करने का सही तरीका।
उत्तानपादासन
उत्तानपादासन को करने के लिए सबसे पहले योगा मेट या चटाई बिछाकर जमीन पर पीठ के बल आराम से लेट जाएं। फिर अपने दोनों पैरों को सीधा करें। अब शरीर को ढीला छोड़ दें। फिर अपनी हथेलियों को जमीन पर रखें। धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाएं। इसके बाद सांस रोकें। जितना हो सके इस स्थिति में रुकने की कोशिश करें। फिर सांस को छोड़ते हुए धीरे-धीरे पैरों को नीचे की ओर लेकर आएं।
नौकासन
नौकासन को करने के लिए जमीन पर चटाई या योगा मेट बिछाकर आराम से पीठ के बल लेट जाएं। अपने पैरों को सीधा रखें। फिर हाथों को शरीर के बगल में रखें। अब गहरी सांस लें। इसके बाद सांस को छोड़ते हुए छाती और पैरों को जमीन से ऊपर उठाएं। फिर बाहों को पैरों की ओर खींचने की कोशिश करें। इस दौरान ध्यान रहें कि आंखें, उंगलियों और पैर की उंगलियां एक लाइन में होनी चाहिए। इस समय आपको अपने पेट की मांसपेशियों के सिकुड़न पर नाभि क्षेत्र में तनाव महसूस होगा। जितना संभव हो इस मुद्रा में रहें। इस दौरान आराम से गहरी सांस लेते रहें। फिर कुछ देर इसी स्थिति में रहें। इसके बाद पहली वाली अवस्था में आ जाएं।
सेतुबंध आसन
सेतुबंधासन योग करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं। फिर अपने हाथों को बगल में रखें। अब धीरे-धीरे अपने पैरों को घुटनों से मोड़कर हिप्स के पास ले आएं। हिप्स को जितना हो सके फर्श से ऊपर की तरफ उठाएं। कुछ देर के लिए इस स्थिति में सांस को रोककर रखें और फिर सांस छोड़ते हुए वापस पूर्ववत अवस्था में आ जाएं।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।
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