पीरियड्स का समय कुछ महिलाओं के लिए किसी रोलर कोस्टर राइड से कम नहीं होता। इस दौरान होने वाले असहनीय दर्द के कारण महिलाएं तनाव और मूड स्विंग्स की समस्या से जूझती हैं। हालांकि, पीरियड्स को लेकर आज-भी पूरी तरह से महिलाएं जागरूक नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में मासिक धर्म को टैबू समझा जाता है। पीरियड्स के दौरान कुछ महिलाओं को हीन नजरों से देखा जाता है।

जानकारी के अभाव में आज भी ज्यादातर महिलाएं विभिन्न प्रकार की गलतफहमियों में जीती हैं। हालांकि, आज हम आपको पीरियड्स से जुड़ी कुछ भ्रांतियों के बारे में बताएंगे, जो कि पूरी तरह से गलत हैं।

पीरियड्स में अचार छूने से मनाही: कई जगहों पर ऐसी मान्यता है कि पीरियड्स में महिलाएं अशुद्ध हो जाती हैं। ऐसे में उनका अचार छूना वर्जित है। धारणा है कि इस दौरान अगर महिला अचार को छू ले तो वह खराब हो जाता है। हालांकि, यह मान्यता पूरी तरह से गलत है।

28 दिनों में ही आने चाहिए पीरियड्स: कुछ लोगों का मानना है कि पीरियड्स साइकल 28 दिनों पर ही आनी चाहिए। लेकिन यह पूरी तरह से गलत है। एक्सपर्ट्स की मानें तो हर महिला के लिए पीरियड्स की साइकल अलग-अलग होती है। यह महिला के शारिरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। कई बार बहुत स्ट्रेस के कारण भी पीरियड्स आने में देरी हो जाती हैं।

मासिक धर्म में बाल धुलने से ब्लीडिंग होती है कम: मासिक धर्म को लेकर यह मिथक फैला हुआ है कि इस दौरान बाल धुलने से ब्लीडिंग प्रभावित होती है। हालांकि एक्सपर्ट्स की मानें तो इसमें कोई सच्चाई नहीं है। ना ही बाल धुलने से मासिक धर्म के प्रवाह को कोई नाता है।

पीरियड्स में नहीं खाना चाहिए खट्टा और तीखा भोजन: एक्सपर्ट्स की मानें तो पीरियड्स के दौरान खानपान का कोई लेना-देना नहीं है। बहुत-सी महिलाएं मानती हैं कि मासिक धर्म के समय खट्टा, तीखा और मसालेदार भोजन नहीं करना चाहिए। क्योंकि, इससे दर्द की समस्या बढ़ सकती है। हालांकि इसमें कोई सच्चाई नहीं है।

मासिक धर्म में नहीं छूने चाहिए पेड़-पौधे: कुछ महिलाओं का मानना है कि पीरियड्स के दौरान पेड़-पौधे छूने से वह सूख जाते हैं। हालांकि यह धारणा पूरी तरह से गलत है।