National Science Day 2020 India Quotes, Images, Status, Speech: साल 1986, से भारत में हर वर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (नेशनल साइंस डे) मनाया जाता है। प्रोफेसर सी.वी. रमन (चंद्रशेखर वेंकटरमन) ने साल 1928 में कोलकाता में इस दिन एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक खोज की थी, जो ‘रमन इफेक्ट’के रूप में प्रसिद्ध है। 28 फरवरी 1930 में रमण की यह खोज प्रकाश में आई थी। यही कारण है कि 28 फरवरी नेशनल साइंस डे के रूप में मनाया जाता है। इस बेहतरीन खोज के लिए उनको 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। नेशनल साइंस डे (National Science Day) का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित करना, विज्ञान के क्षेत्र में नए प्रयोगों के लिए प्रेरित करना तथा विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है। इस साइंस डे के खास मौके पर आप अपने करीबी को इस दिन की खासियत बताते हुए उनसे बेहतरीन कोट्स शेयर करें, ताकि उन्हें भी चीजों की सही जानकारी मिल सके-
National Science Day 2020 Theme, Quotes:
1. विज्ञान की नई तकनीकों से ही अब घंटों के काम को मिनटों में करने में सहायता मिली है। विज्ञान की बदौलत ही आज हमारा सामाजिक और आर्थिक परिवेश पूरी तरह बदल गया है।
हैप्पी नेशनल साइंस डे
2. आज का विज्ञान कल की तकनीक है।
हैप्पी नेशनल साइंस डे
3. जीवन विज्ञान के प्रयोग जैसा हैं, जीतनी बार प्रयोग करेंगें पहले से बेहतर सफ़लता पाओंगे।
हैप्पी नेशनल साइंस डे
4. हर विज्ञान दर्शन के रूप में शुरू होता है और कला के रूप में समाप्त होता है।
हैप्पी नेशनल साइंस डे
जीवन विज्ञान के प्रयोग जैसा हैं, जीतनी बार प्रयोग करेंगें पहले से बेहतर सफ़लता पाओंगे।
हैप्पी नेशनल साइंस डे
लोगों के दैनिक जीवन में वैज्ञानिक अनुप्रयोग के महत्व के बारे में एक संदेश को व्यापक तौर फैलाने के लिये हर वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को मनाया जाता है।
हैप्पी नेशनल साइंस डे
दरअसल रमन प्रभाव की खोज ने आइन्सटाइन के उस सिद्धांत को भी प्रमाणित कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रकाश में तरंग के साथ ही अणुओं के गुण भी कुछ हद तक पाए जाते हैं। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस इससे पहले न्यूटन ने बताया था कि प्रकाश सिर्फ एक तरंग है और उसमें अणुओं के गुण नहीं पाए जाते। आइन्सटाइन ने इससे विपरीत सिद्धांत दिया और रमन प्रभाव से वह साबित हुआ। आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज में भौतिकी के प्रोफेसर सुभाष सिंह ने कहा,‘पदार्थों में मौजूद यौगिकों की आणविक और परमाणविक संरचना का पता चलने के कारण आगे की खोजों के मार्ग प्रशस्त हो सके इसीलिए रमन प्रभाव अपने आप में महत्त्वपूर्ण है।’
डीआरडीओ में वैमानिकी प्रणाली की महानिदेशक डॉ. टेसी थॉमस 1988 में रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला हैदराबाद से जुड़ीं। लंबी दूरी की मिसाइल प्रणालियों के लिए गाइडेड योजना तैयार की है, जिसका उपयोग सभी अग्नि मिसाइलों में किया जाता है। उन्हें 2001 में अग्नि आत्मनिर्भरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। डॉ. थामस ने अग्नि-4 की प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में काफी पहचान पाई। इसके बाद वह लंबी दूरी की अग्नि-5 मिसाइल प्रणाली के लिए परियोजना निदेशक (मिशन) भी थीं, जिसे सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
इसरो में वरिष्ठ वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत रितु करिदल चंद्रयान -2 की मिशन निदेशक रही हैं। वह मार्स ऑर्बिटर मिशन की डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर भी रही हैं। करिधल ने चंद्रयान-2 की शुरुआत करने वाली महिला के रूप में प्रसिद्धि पाई। भारतीय विज्ञान संस्थान से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री करने वाली करिधल भारत के मंगल मिशन को डिजाइन करने के लिए काफी सराहना पा चुकीं हैं। 2007 में इसरो का यंग साइंटिस्ट अवार्ड जीत चुकीं करिधल इसरो में 22 साल से सेवाएं दे रही हैं।
किसी भी देश को आगे बढ़ाने के लिए सबसे ज़्यादा योगदान विज्ञान का होता है।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारत में हर साल मुख्य विज्ञान त्योहारों में से एक के रूप में मनाया जाता है, जिसके दौरान स्कूलों और कॉलेजों के छात्र विभिन्न विज्ञान परियोजनाओं के साथ ही राष्ट्रीय और राज्य विज्ञान संस्थानों भी अपने नवीनतम शोधों को दर्शाते हैं। उत्सव में सार्वजनिक भाषण, रेडियो-टीवी टॉक शो, विज्ञान फिल्मों की प्रदर्शनी, विषय और अवधारणाओं पर आधारित विज्ञान प्रदर्शनी शामिल हैं।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार के लिए राष्ट्रीय परिषद ने भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के पहले समारोह में विज्ञान संचार और लोकप्रियता के क्षेत्र में उत्कृष्ट और अद्भुत प्रयासों को पहचानने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान लोकप्रियता पुरस्कार की घोषणा की थी। सर चंद्रशेखर वेंकट रमन ने 1907 से 1933 तक भारत में विज्ञान, कोलकाता, पश्चिम बंगाल की खेती के लिए भारतीय संघ में काम किया था, जिसके दौरान उन्होंने भौतिक विज्ञान के कई विषयों पर शोध किया था, जिसमें से रमन प्रभाव (Raman Effect) (विभिन्न सामग्रियों से गुजरते समय प्रकाश के बिखरने पर प्रभाव) उनकी महान सफलता और खोज को भारतीय इतिहास में चिह्नित किया है।
राष्ट्रीय भौतिक शास्त्री सर चंद्रशेखर वेंकट रमन द्वारा 28 फरवरी 1928 को अपनी खोज की घोषणा की, उसी दिन से हर साल पूरे देश में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। भारत में विज्ञान के क्षेत्र में उनकी महान सफलता के लिए, चंद्रशेखर वेंकट रमन को 1930 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
विज्ञान की नई तकनीकों से ही अब घंटों के काम को मिनटों में करने में सहायता मिली है। विज्ञान की बदौलत ही आज हमारा सामाजिक और आर्थिक परिवेश पूरी तरह बदल गया है।
हैप्पी नेशनल साइंस डे
राजनीति और धर्म का समय तो अब गुजर गया है
विज्ञान और आध्यात्मिकता का समय आ गया है।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस
विज्ञान इंसान को गरीबी और बीमारी से निकाल सकता है
मगर वो बदले में इंसान की सामाजिक अशांति ख़त्म कर सकता है।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2020
आज का विज्ञान कल की तकनीक है।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2020
हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद हर व्यक्ति को विज्ञान का महत्व समझाना है।
पहला नेशनल साइंस डे 28 फरवरी 1987 को मनाया गया था। भारत सरकार ने 1986 में 28 फरवरी को प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक डॉ सी. वी. रमन द्वारा ‘रमन प्रभाव’ की खोज के लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है।