Muharram 2019 Images, Quotes, Status, Messages: यह वर्ष के चार पवित्र महीनों में से एक है। ‘मुहर्रम’ शब्द का मतलब निषिद्ध और पापी है। ईराक में कर्बला की लड़ाई में इमाम हुसैन को 680 ईस्वी में खलीफा यजीद की सेना ने मार दिया था। उनकी मृत्यु के तुरंत बाद, इस्लाम दो प्रमुख वर्गों में विभाजित हो गया – सुन्नियों और शियाओं। इस अवधि के दौरान, मुसलमान उन दिनों के दौरान उपवास करते हैं और मुहर्रम के दसवें दिन को आशूरा के दिन के रूप में जाना जाता है जो शोक सत्र है। इस मुहर्रम सभी दोस्तों को शेयर करें ये मैसेज, कोट्स और फोटोज।
1. जन्नत की आरज़ू में
कहां जा रहे हैं लोग
जन्नत तो करबला में
खरीदी हुसैन ने
दुनिया-ओ-आखरात में
जो रहना हो चैन से
जीना अली से सीखो
मरना हुसैन से
2. नज़र गम है नज़रों को बड़ी तकलीफ होती है
बगैर उनके नज़रों को बड़ी तकलीफ होती है
नबी कहते थे अकसर के अकसर ज़िक्र-ए-हैदर से
मेरे कुछ जान निसारों को बड़ी तकलीफ होती है
3. कत्ल-ए-हुसैन असल में मार्ग-ए-यजीद है
इस्लाम ज़िंदा होता है हर करबला के बाद


"यूँ ही नहीं जहाँ में चर्चा हुसैन का,
कुछ देख के हुआ था जमाना हुसैन का,
सर दे के जो जहाँ की हुकूमत खरीद ली,
महँगा पड़ा याजिद को सौदा हुसैन का.... "
"वो जिसने अपने नाना का वादा वफ़ा कर दिया..
घर का घर सुपर्द-ए-खुदा कर दिया..
नोश कर लिया जिसने शहादत का जाम..
उस हुसैन इब्ने-अली पर लाखों सलाम... "
“A Small Person With Small Dreams, Have So, Much Believes In U My Allah . U Are For Me, I Am For U, Their Is No Words, For My Love, Through Which I Can Explain What I Feel For U My Allah. ”
जब भी कभी ज़मीर का सौदा हो
कायम रहो दोस्तों हुसैन के इंकार की तरह
मुहर्रम के इस पाक महीने में अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को शायरी भेज हजरत इमाम हुसैन की कुर्बानी और शहादत को याद करें। मुहर्रम इस्लाम का त्यौहार है और इसी महीने इस्लाम धर्म के नव वर्ष की शुरुआत भी होती है।
न हिला पाया वो रब की मेहर को
भले जीत गया वो कायर जंग
पर जो मौला के दर पर शहीद हुआ
वही था असली और सच्चा पैगम्बर
कत्ल-ए-हुसैन असल में मार्ग-ए-यजीद है
इस्लाम ज़िंदा होता है हर करबला के बाद
क्या जलवा कर्बला में दिखाया हुसैन ने
सजदे में जाकर सिर कटाया हुसैन ने
नेजे पर सिर था और जबान पर आयतें
कुरान इस तरह सुनाया हुसैन ने
सिर गैर के आगे न झुकाने वाला
और नेजे पर भी कुरान सुनाने वाला
इस्लाम से क्या पूछते हो कौन हुसैन?
हुसैन है इस्लाम को बनाने वाला
सिर गैर के आगे न झुकाने वाला
और नेजे पर भी कुरान सुनाने वाला
इस्लाम से क्या पूछते हो कौन हुसैन?
हुसैन है इस्लाम को बनाने वाला
जब भी कभी ज़मीर का सौदा हो
कायम रहो दोस्तों हुसैन के इंकार की तरह
सजदा से करबला को बंदगी मिल गई
सबर से उम्मत को ज़िंदगी मिल गई
एक चमन फातिमा का गुज़रा
मगर सारे इस्लाम को ज़िंदगी मिल गई.