दिवाली जैसा त्योहार हो और मिठाइयों या पकवानों की बात न हो ऐसा हो नहीं सकता है। दिवाली पर सबसे ज्यादा गिफ्ट में दी जाने वाली मिठाई में सबसे पहला नाम आता है सोन पापड़ी का। यह डिब्बा हर घर का चक्कर जरूर दिवाली पर लगता है। हाल तो ये रहता है कि लोग घर में गिफ्ट में आने वाली सोन पापड़ी का डिब्बा खोले बिना ही किसी और को उपहार स्वरूप दे देते हैं। लेकिन क्या आपको पता है यह मिठाई भारत में कहां से आई और इसे कैसे बनाया जाता है, आइए जानें इसके बारे में।
सोन पापड़ी का रोचक इतिहास
भारतीय खानों के विशेषज्ञों के मुताबिक इस मिठाई का इतिहास पंजाब से जुड़ा हुआ है। पहले के समय में पंजाब में बेसन के लड्डू के साथ पतीसा बनता था। यह ही धीरे-धीरे बदलते-बदलते सोहन पापड़ी में परिवर्तित हो गया। वहीं कुछ अन्य लोगों के मुताबिक यह फारस की पश्मक मिठाई है। पश्मक का मतलब ही ऊन जैसा होता है। यह सोन पापड़ी की बनावट को प्रर्दशित करता है।
घर में सोन पापड़ी बनाने की विधि
इन चीजों की पड़ेगी जरूरत
1 कप बेसन
2 चम्मच मैदा
1 कप चीनी
1/2 कप पानी
1 चम्मच घी
सोन पापड़ी रेसिपी (Son Papdi Recipe in Hindi)
सोन पापड़ी बनाने के लिए सबसे पहले एक कढ़ाई में घी गर्म करके मैदा और बेसन को भूनें। इसे ठंढा होने दें। इसे साइड में रख दें और चाशनी बनाने की तैयारी करें। इसके लिए सबसे पहले चीनी और पानी को बर्तन में डालकर गैस पर रख दें। फिर चाशनी को चलाते हुए पकाएं। इसे चैक करने के लिए एक बर्तन में पानी रख दें। उसमें चाशनी डाल कर देखें। अगर चाशनी घुल जाए तो चाशनी तैयार नहीं है। चाशनी को तब तक पकाना है जब तक उसका कलर चेंज हो जाए। इसके बाद फिर से इसे चैक करेंगे। जब चाशनी इकठ्ठा होकर गोली जैसे बन जाए तो समझ जाएं कि आपकी चाशनी तैयार है। अब इसे एक बर्तन में निकाल कर ठंढा होने देंगे। जब चाशनी थोड़ी ठंडी हो जाए तो चाशनी से रिंग बनाएंगे। फिर इसे खीचेंगे और फिर से रिंग बनाएंगे। बिना तोड़े इस प्रक्रिया को करते 20 बार करेंगे। अब इसमें बेसन डाल देंगे। इसके बाद खींच-खींच कर रिंग बनाएंगे। ऐसा करते -करते चाशनी से रेशे बन लेंगे। यह प्रोसेस तब तक करेंगे जब तक रेशे बनना बंद न हो जाएं। इसके बाद इसे किसी मोल्ड या छोटी कटोरी में डालकर सेट कर लेंगें।