आज की बिगड़ती जीवन-शैली और खराब खानपान के कारण लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं, उन्हीं में से एक है डायबिटीज यानी मधुमेह का बढ़ना। डायबिटीज एक क्रॉनिक डिसीस है, जिसमें ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित रूप से घटता-बढ़ता रहता है। जिसके कारण दिल का दौरा, ब्रेन स्ट्रोक, किडनी फेलियर और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर जैसी जानलेवा स्थिति का खतरा भी बढ़ जाता है। इसके अलावा जब शरीर में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है तो अधिक पेशाब आना, थकान, बार-बार प्यास लगना, मुंह में छाले हो जाना, आंखों की रोशनी धुंधली होना, बिना प्रयास किए वजन घटना और घाव भरने में समय लगना जैसी समस्याएं होने लगती हैं।

ऐसे में डायबिटीज के मरीज दवाइयों के साथ-साथ अपने खानपान और जीवन-शैली में बदलाव कर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं। खून में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने के लिए बाजरा बेहद ही कारगर है। एक अध्ययन में पता चला है कि बाजरा खाने से टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा कम हो जाता है और जो लोग मधुमेह की बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

बाजरा: डायबिटीज की बीमारी में बाजरे को लेकर किया गया अध्ययन फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन नाम के जर्नल में प्रकाशित हुआ था। 11 देशों में किए गए शोध के आधार पर यह बात सामने आई कि मधुमेह के लोग जिन्होंने, अपनी रेगुलर डाइटर में बाजरे को शामिल किया था, या, उनके रक्त शर्करा के स्तर में 12-15% (उपवास और भोजन के बाद) की गिरावट देखी गई।

एक्सपर्ट्स की मानें तो केवल मधुमेह के रोगियों को ही बाजरे का सेवन नहीं करना चाहिए, बल्कि जो लोग मधुमेह की बीमारी ग्रस्त नहीं हैं, उन्हें भी बाजरे को अपने खाने में शामिल करना चाहिए। डायटिशियन्स के मुताबिक खिचड़ी, पैनकेक, रोटियां और पिज्जा बेस के रूप में आप बाजरे को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

बाजरा खाने के दूसरे फायदे: पोषक तत्वों से भरपूर बाजरा मांसपेशियों को मजबूत करने में भी मदद करता है। बाजरे में फाइबर, कैल्शियम और अमीनो एसिड की अच्छी-खासी मात्रा पाई जाती है, ऐसे में एक्सपर्ट्स भी लोगों को बाजरा खाने की सलाह देते हैं।