मानस मनोहर
मेथी अत्यंत गुणकारी औषधीय वनस्पति है। यह शरीर में शर्करा और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करती है। पाचन शक्ति को बढ़ाती है। किडनी को टॉक्सिन यानी जहरीले तत्त्वों से दूर रखती है। हृदय रोग से दूर रखती है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। मधुमेह रोगियों के लिए मैथी बहुत लाभदायक है।
मेथी को यों तो कई रूपों में खाया जाता है, परांठे बना कर, साग वगैरह बना कर। मगर मेथी के गट्टे बना कर खाएं, तो इसका स्वाद निराला होता है। यह राजस्थान में बनाई जाने वाली लोकप्रिय सब्जी है। मेथी के गट्टों को सूखा भी खाया जाता है और रसेदार भी।
गट्टे बनाने की विधि
मेथी के गट्टे बनाने के लिए सबसे पहले हरी मेथी के डंठलों को हटा लें। अब पत्तियों को दो-तीन बार धोकर एक छन्नी में निथरने के लिए रख दें। जब पानी पूरी तरह निथर जाए तो पत्तों को बारीक-बारीक काट लें।
कटे हुए पत्तों में आधा चम्मच अजवाइन, जरूरत भर का नमक, लाल मिर्च, हींग पाउडर और दो से तीन चम्मच बेसन डालें। अब इसमें दो से तीन चम्मच तेल और चौथाई चम्मच से भी कम खाने वाला सोडा डालें और दही के साथ गूंथ लें। ध्यान रखें, आटा न तो ज्यादा कड़ा रहे और न अधिक नरम। रोटी के आटे जैसा रखें। इस आटे को आधा घंटे के लिए सेट होने के लिए रख दें।
इस दौरान एक पैन में करीब एक लीटर पानी डाल कर उबलने रख दें।
मेथी और बेसन से तैयार मिश्रण को दोनों हथेलियों के बीच रख कर पतला बेलनाकार बना लें और फिर उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। पैन में पानी उबलने लगे तो उसमें गट्टे के टुकड़े डाल दें। पैन को आधा ढक दें। थोड़ी देर बाद देखें, गट्टे पानी के ऊपर तैरने लगें तो आंच तेज कर दें और करीब पंद्रह मिनट तक उन्हें उबलने दें। उन्हें उबालते समय पैन को आधा ढंका हुआ रखें, ताकि बस भाप बाहर निकल सके, पानी उबल कर बाहर न आए।
पंद्रह मिनट बाद गैस बंद कर दें। गट्टों को पानी से बाहर निकाल कर एक छन्नी में रख लें। जिस पानी में गट्टों को उबाला है, उसे फेंकें नहीं। वह गट्टे का रसा यानी ग्रेवी तैयार करने में इस्तेमाल किया जा सकता है या फिर किसी सब्जी में डाला जा सकता है। उसका उपयोग आटा गूंथने में भी किया जा सकता है।
अगर गट्टों को सूखा खाना है तो एक पैन में जीरा, राई, हींग और बारीक कटे प्याज-लहसुन-टमाटर का तड़का लगाएं और उसमें गट्टों को डाल कर मिला लें। सब्जी मसाला डाल कर खुली कड़ाही में थोड़ी देर पकाएं। बारीक कटा धनिया पत्ता, अदरक और हरी मिर्च ऊपर से डालें और खाने के लिए परोसें।
अगर रसेदार गट्टे बनाने हैं तो कड़ाही में दो चम्मच तेल गरम करें। उसमें जीरा, राई, सौंफ, हींग का तड़का लगाएं। फिर उसमें प्याज-लहसुन-टमाटर डाल कर तेल छोड़ने तक भून लें। उसमें हल्दी, सब्जी मसाला और नमक डाल कर ऊपर से गट्टे के उबले हुए पानी को डाल दें। जब यह रसा उबलने लगे तो उसमें गट्टे के टुकड़ों को डाल कर गाढ़ा होने तक पकाएं।
अगर आप लहसुन-प्याज-टमाटर नहीं खाना चाहते, तो उसकी जगह रसा तैयार करने में दही का उपयोग कर सकते हैं।
रसेदार गट्टे को धनिये, अदरक, हरी मिर्च के लच्छों से सजाएं। इसे परांठे, रोटी या फिर बाटी वगैरह के साथ गरमागरम खाया जा सकता है।
बाजरे के लड्डू
यह बाजरे का मौसम है। पूरी सर्दी बाजरे की रोटी, उसके लड््डू, खिचड़ी वगैरह का सेवन करना स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहतर होता है। लड्डू बनाने के लिए चक्की से बाजरे का ताजा आटा लें। अगर बाजरे का आटा हफ्ता भर भी पुराना हो जाए, तो उसमें कड़वाहट आ जाती है। इसलिए चाहे जिस रूप में इस्तेमाल करना हो बाजरे का ताजा आटा ही लेना चाहिए।
बाजरे की तासीर गरम होती है, इसलिए सर्दी के मौसम में इसे खाना गुणकारी माना जाता है। बाजरे के आटे का लड्डू पौष्टिक तो होता ही है, बनाने में आसान भी।
एक किलो बाजरे का आटा लें। करीब आधा किलो गुड़ का बूरा लें। बूरा न मिले तो गुड़ को तोड़ कर उसे बूरे जैसा बना लें। अब इसमें सबसे जरूरी चीज है अलसी और सफेद तिल के दाने। पचास ग्राम अलसी और इतने ही सफेद तिल के दाने लें। अगर आपको पसंद हो तो इतनी ही मात्रा में मेथी दाना भी ले सकते हैं। इसके अलावा आप अपनी इच्छा के मुताबिक सूखे मेवे ले सकते हैं जिसमें काजू, अखरोट, किशमिश, बादाम वगैरह हो सकते हैं।
लड्डू बनाने से पहले कुछ तैयारी जरूरी है। तवा गरम करें और उस पर अलसी और तिल के दानों को हल्का भून लें। अगर मेथी दाना डालना चाहते हैं, तो उसे भी भून लें। इन्हें ज्यादा देर भूनने की जरूरत नहीं होती, बस उतनी देर उन्हें तवे पर रहने दें, जिससे कि वे गरम हो जाएं। फिर उन्हें उतार कर खरल में या मिक्सर में दरदरा कर लें। इसी तरह मेवे को दरदरा कर लें।
एक कड़ाही गरम करें और उसमें डेढ़ से दो सौ ग्राम देसी घी डाल कर बाजरे के आटे को हल्की आंच पर थोड़ी देर के लिए भून लें। जैसे ही आटे का रंग बदलने लगे, उसमें गुड़ का बूरा डाल दें। ऊपर से तिल, अलसी, मेथी दाना, मेवे डाल कर ठीक से मिला लें और आंच बंद कर दें। इस मिश्रण को एक परात में डाल लें। मिश्रण को हाथ से मसलते हुए एकसार कर लें। फिर उस मिश्रण के गरम रहते ही लड््डू बनाते जाएं। इन लड्डुओं को एक डिब्बे में बंद करके रख दें। इन्हें हफ्ते भर तक खाया जा सकता है। इन्हें ज्यादा दिन नहीं रखना चाहिए, नहीं तो कड़वाहट आनी शुरू हो जाती है। ल्ल

