Menstrual Hygiene: कुछ महिलाओं के लिए पीरियड्स यानी महावारी का समय किसी रोलर कोस्टर राइड से कम नहीं होता। 3 से 7 दिनों तक चलने वाले इस समय में कुछ महिलाओं को बहुत अधिक दर्द और पीड़ा से गुजरना पड़ता है, तो कुछ महिलाओं का यह समय बेहद ही आसानी से गुजर जाता है। हालांकि, पीरियड्स के दौरान की गईं कुछ गलतियां आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकती हैं।
बता दें, महावारी के दौरान महिलाओं के शरीर से दूषित खून बाहर निकलता है। जिसको सोखने के लिए वह सैनेटरी पैड का इस्तेमाल करती हैं। लेकिन इस दौरान गलत सैनेटरी पैड का चुनाव करने से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें खुजली, जलन और लाल चकत्ते शामिल हैं।
पीरियड्स के दौरान सबसे ज्यादा खतरा बैक्टीरियल इंफेक्शन का होता है। क्योंकि, इस दौरान महिलाओं के प्राइवेट पार्ट में नमी और पसीने के कारण बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है। यही बैक्टीरियल इंफेक्शन रेशैज का कारण भी बनता है।
-सही नैपकिन का करें चुनाव: पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अपनी त्वचा के हिसाब से सैनेटरी नैपकिन का चुनाव करना चाहिए। क्योंकि, कई बार पैड त्वचा पर सूट नहीं करता, जिससे आपको इंफेक्शन हो सकता है। ऐसे में हमेशा अपनी त्वचा को ध्यान में रखते हुए ही पैड खरीदें।
-सैनेटरी पैड की क्वालिटी: कई बार लड़कियां सस्ते के चक्कर में खराब क्वालिटी के सैनेटरी पैड खरीद लेती हैं, जो आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में सैनेटरी पैड्स खरीदते समय उसकी क्वालिटी जरूर चेक करें।
-लंबे नैपकिन का करें इस्तेमाल: पीरियड्स के दौरान ऐसे नैपकिन्स का इस्तेमाल करें, जिनकी लंबाई ज्यादा हो। क्योंकि, इससे स्टेन का खतरा बेहद ही कम रहता है।
-कपड़े का इस्तेमाल करने से बचें: पीरियड्स के दौरान आज भी कुछ महिलाएं कपड़े का इस्तेमाल करती हैं। यह उनकी सेहत के साथ-साथ हाइजीन दोनों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। कपड़े के कारण त्वचा पर रैशेज पड़ सकते हैं। ऐसे में महिलाओं को कपड़े का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
-हर तीन घंटे में बदले नैपकिन: पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अपनी हाइजीन का पूरी तरह से ध्यान रखना चाहिए। हर 3 घंटे में पैड बदलना चाहिए, इससे त्वचा संबंधी समस्या होना का खतरा नहीं रहता। साथ ही जब भी बाथरूम जाएं, तो प्राइवेट पार्ट की अच्छे-से सफाई करें।