Male Pattern Baldness: पुरुषों में गंजापन तेजी से बढ़ रहा है। आजकल कम उम्र में ही मेल पैटर्न बाल्डनेस (Male Pattern Baldness) की समस्या होने लगी है। इसमें सिर के किसी खास हिस्से जैसे सामने की तरफ या सिर के बीचों-बीच में बाल कम होने लगते हैं। बालों का झड़ना और दोबारा नए बाल न उगना या हमेशा के लिए सिर का वो हिस्सा खाली हो जाना चिंता का कारण बनता जा रहा है। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशान वो लोग होते हैं जिनकी या तो शादी नहीं हुई होती या कुछ दिनों बाद होने वाली होती है। सिर का गंजापन छुपाने के लिए ऐसे लोग तमाम तरीके सर्च करते हैं। इन दिनों गंजापन छुपाने के लिए पुरुष कुछ तरकीब बहुत अपना रहे हैं। आइए जानते हैं इनमें से सबसे सुरक्षित क्या है।

पुरुषों में गंजापन होने के कारण

आजकल कम उम्र में ही पुरुषों में गंजापन होने लगा है। इसके पीछे का कारण है एस्ट्रोजन हॉर्मोन। इस हॉर्मोन के कम या ज्यादा होने से बालों की ग्रोथ पर सीधा असर पड़ता है। इस हार्मोन के गड़बड़ होने की वजह से पुरुषों में हेयर फॉल शुरू हो जाता है। युवावस्था में शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर अधिक होता है, इसलिए बाल गिरने की समस्या युवावस्था में कम होती है। लेकिन जैसे ही इस हार्मोन में बदलाव होने लगता है बालों का टूटना शुरू हो जाता है। जो पुरुष बॉडी बनाने के लिए स्टेरॉयड (steroid)का अधिक सेवन करते हैं उनको भी गंजेपन की परेशानी होती है। इसलिए इस हॉर्मोन को संतुलित करने के लिए आपको पोष्टिक आहार और हेल्दी लाइफस्टाइल का पालन करना चाहिए।

प्लेटलेट रिच प्लाजमा थेरेपी (Platelet Rich Plasma)

झड़े हुए बालों को दोबारा उगाने के लिए आजकल पुरुष PRP थेरेपी का सहारा ले रहे हैं। यह थेरेपी 3 स्टेप्स में होती है। इसमें शरीर से थोड़ी मात्रा में खून निकालकर इसकी प्रॉसेसिंग की जाती है। इसके बाद उस ब्लड को फिर खोपड़ी में इंजेक्ट कर दिया जाता है। ऐसा दावा किया जाता है कि इस थेरेपी से नेचुरल बाल दोबारा उगाने में मदद मिलती है। इससे खोपड़ी में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। इसके साथ ही हेयर फॉलिकल हेल्दी होते हैं। ऐसा होने से कुछ दिनों बाद बाल बढ़ना शुरू हो जाते हैं।

लो-लेवल लेजर (Low-Level Laser)

इसे रेड लाइट थेरेपी या कोल्ड लेजर थेरेपी कहते हैं। इसमें व्यक्ति की गंजी खोपड़ी में स्किन टिशूज में मशीन से फोटॉन्स छोड़े जाते हैं। ये फोटॉन्स कमजोर सेल्स अवशोषित कर लेता है। इसके बाद बालों का विकास शुरू हो जाता है। ये प्रोसीजर सुरक्षित माना जाता है। सर्जरी के मुकाबले इसमें शरीर को कोई नुकसान नहीं होता है। ये दर्द रहित प्रक्रिया होती है। इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है।

सर्जिकल हेयर ट्रांसप्लांट (Surgical Hair Transplant)

अक्सर गंजेपन की बात आते ही लोगों को दिमाग में शादी से पहले हेयर ट्रांसप्लांट कराने का ख्याल आता है। क्योंकि आजकल ये काफी पॉपुलर हो गया है तो लोग इसकी तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। इसमें सर्जरी की जाती है। जिसमें कॉस्मेटिक सर्जन शरीर के ऐसे अंग से हेयर फॉलिकल्स को निकालकर सिर पर लगा देते हैं, जहां बाल अच्छे और घने निकल रहे हों। लेकिन बेहद खर्चीली प्रक्रिया है। इसमें कई बार सफलता मिलती है लेकिन कई बार ये सही रिजल्ट नहीं देती है।

माइक्रोपिग्मेंटेशन या टैटू (Micropigmentation)

माइक्रोपिग्मेंटेशन का यूज अभी बहुत ज्यादा लोग नहीं कर रहे हैं। क्योंकि इसके बारे में अभी ज्यादा लोगों को पता नहीं है। इसमें बाल न तो दोबारा उगाए जाते हैं और न ही किसी तरह की कोई सर्जरी की जाती है। इस प्रक्रिया में अनुभवी डॉक्टर सिर में उस जगह टैटू बना देता है जहां गंजापन होता है। ऐसा करने से व्यक्ति का गंजापन छिप जाता है। दूर से देखने पर इसे पहचानना बेहद मुश्किल होता है।

वीव्स (Weaves)

पहले तो आप वीव्स और विग्स में अंतर समझिए। बिग्स की बात करें तो यह कैप जैसे होते हैं। इसमें आर्टिफिशियल बाल लगे होते हैं। वहीं वीव्स में आप पहले से उगे बालों के साथ कुछ आर्टिफिशियल बालों को लगाकर इसका घनत्व बढ़ा लेते हैं। ऐसा करने से बाल घने दिखने लगते हैं। साथ ही गंजापन छिप जाता है।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए एक्सपर्ट से जरूर परामर्श करें।