यूरिक एसिड ऐसे टॉक्सिन हैं जो हम सभी की बॉडी में बनते हैं। यूरिक एसिड का बनना कोई नई बात नहीं है। ये जिस तरह बॉडी में बनते हैं उसी तरह किडनी इसे फिल्टर करके यूरिन के जरिए बॉडी से बाहर भी निकाल देती है। जब शरीर प्यूरीन नामक रसायनों को तोड़ता है तब बॉडी में यूरिक एसिड बनता है। अधिकांश यूरिक एसिड रक्त में घुल जाते है और किडनी से होकर यूरिन के जरिए बॉडी से बाहर भी निकल जाते हैं।
यदि शरीर में बहुत अधिक यूरिक एसिड जमा हो जाता है तो हाइपरयूरिसीमिया नामक स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इस स्थिति में यूरिक एसिड जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में जमा होने लगता है और गठिया का कारण बनता हैं। बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर हाई होने से हड्डियों, जोड़ों और ऊतकों को नुकसान पहुंच सकता है।
इतना ही नहीं हाई यूरिक एसिड किडनी और दिल के रोगों का भी खतरा पैदा कर सकता है। आप जानते हैं कि कुछ लोगों की बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर कम भी होता है। यूरिक एसिड का स्तर कम होना फैंकोनी सिंड्रोम के हो सकते हैं लक्षण। आइए जानते हैं कि इस बीमारी के लक्षण कौन से है और उसे कैसे कंट्रोल करें।
फैंकोनी सिंड्रोम क्यों होता है?
यूरिक एसिड कम होने के मामले बेहद कम आते हैं। फैंकोनी सिंड्रोम लो यूरिक एसिड लेवल के कारण ही होता है। यह किडनी की एक दुर्लभ बीमारी है। इस स्थिति वाले लोगों में किडनी कुछ पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं कर पाती। ये एक अनुवांशिक दुर्लभ किडनी विकार है जो किडनी की फिल्टरिंग ट्यूब समीपस्थ नलिकाओं को प्रभावित करता है। ये बीमारी कुछ दवाओं के इस्तेमाल, भारी धातुओं के कारण हो सकती है।
फैंकोनी सिंड्रोम में एनर्जी की कमी, डिहाइड्रेशन और हड्डियों की समस्या हो सकती है। इस स्थिति वाले लोगों में यूरिक एसिड का लेवल कम होता है क्योंकि यूरिक एसिड की मात्रा यूरिन के जरिए बाहर निकल जाती है।
फैंकोनी सिंड्रोम का उपचार कैसे करें:
फैंकोनी सिंड्रोम को ठीक नहीं किया जा सकता है लेकिन इसे सही तरह से इलाज करके कंट्रोल किया जा सकता है। असरदार इलाज करके इस बीमारी की वजह से हड्डियों और किडनी के ऊतकों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। कुछ मामलों में इस बीमारी का स्टीक उपचार भी किया जा सकता है।