डायबिटीज यानी मधुमेह के मरीजों का ब्लड शुगर लेवल अक्सर अनियमित रहता है। कभी उनका ब्लड शुगर लेवल लो हो जाता है, तो कभी हाई। ऐसे में इसको नियंत्रित रखना काफी महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि, शरीर के लिए यह दोनों ही स्थिति खतरनाक होती है। लेकिन ऐसा नहीं है कि ब्लड शुगर के कम होने का खतरा केवल डायबिटीज के मरीजों में ही रहता है बल्कि एक स्वस्थ व्यक्ति को भी यह हो सकता है।

शरीर में सामान्य तौर पर ग्लूकोज का स्तर 80-110 मिली/डीएल के बीच होता है और 90 मिली/डीएल को औसत ब्लड शुगर लेवल माना जाता है। हालांकि, अगर आपका ब्लड शुगर लेवल 72 मिली/डीएल हो तो वह लो ब्लड शुगर लेवल की श्रेणी में आता है। ब्लड शुगर कम होने की स्थिति को हाइपोग्लाइसीमिया कहते हैं।

लो ब्लड शुगर लेवल के लक्षण: शरीर में अगर शुगर लेवल कम होता है, तो इसके कारण किडनी से संबंधित बीमारी, हेपेटाइटिस, लीवर खराब होना, मानसिक सुंतलन खोना, बेचैनी, घबराहट और चक्कर आने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसके अलावा आपको बार-बार भूख लगती है, नींद नहीं आती, आंखों के सामने अंधेरा छाने लगता है और आपका मूड बार-बार बदलता है।

लो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के उपाय:

-हाइपोग्लासीमिया से बचना के लिए ऐसा नाश्ता करना चाहिए, जिसमें ग्लूकोज की मात्रा काफी अधिक हो। इसके लिए आप अपने खाने में मीठी चीजों को भी शामिल कर सकते हैं।
-अगर आपका ब्लड शुगर लेवल काफी कम है तो इसको नियंत्रित करने के लिए ग्लूकोज से बनी चीजों का सेवन करें। आप अपने पास हमेशा कैंडी, मिठाई या फलों का जूस रखें, ताकि ब्लड शुगर के कम होने पर आप तुरंत इसका सेवन कर सकें।

-नियमित तौर पर खाना खाएं और अच्छे से नाश्ता करें। अपनी दवाओं के हिसाब से खानपान तय करें।
-अगर आपके शरीर में ब्लड शुगर लेवल कम है, तो इससे दौरा पड़ने और बेहोश होने की समस्याएं होने लगती हैं। इससे बचने के लिए आप ग्लूकोज का इंजेक्शन लगवा सकते हैं।
-ध्यान रखें कि नियमित तौर पर अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करें।
-इसके अलावा नियमित तौर पर एक्सरसाइज और योग करें, इससे आपको हाइपोग्लाइसीमिया की बीमारी का खतरा धीरे-धीरे कम होने लगता है और आपका ब्लड शुगर लेवल भी नियंत्रित हो जाता है।