Love and relationship: कास्मिन फर्नांडिस ने एक स्लो लव नामक नया मूवमेंट शुरू किया जिससे लोगों के डेट करने की सोच को बदल रही है। स्लो लव, सुविधा और भौतिक जुनून पर निर्मित बड़े पैमाने पर उत्पादित, उच्च तकनीक वाले रिश्तों की प्रतिक्रिया है। “यह हुक-अप संस्कृति के लिए एक प्रतिक्रिया है,” अमेरिका स्थित लेखक और संबंध गुरु डॉ. वेंडी वाल्श कहते हैं, जिसने इस शब्द को गढ़ा है जो एक प्रकार का डेटिंग आंदोलन बन गया है।

शहरों में किसी प्रकार की कोई नियम नहीं होती है, इसलिए बहुत से जोड़े लो-क्राइटेरिया वाले रिश्ते में प्रवेश करते हैं जहां वे अक्सर एक-दूसरे को मैसेज करते हैं और कभी-कभी खाने पर मिलते हैं। डॉ वाल्श कहते हैं “आमतौर पर महिला (या पुरुष) उम्मीद कर रहे होते हैं कि यह यह रिश्ता आगे बढ़ेगा लेकिन ऐसा शायद ही कभी ऐसा हो पाता है।”

1986 में रोम में शुरू हुए स्लो फूड मूवमेंट की तरह, स्लो लव मूवमेंट भी आया जिसमें यौन अवसर, एडिक्टिव डेटिंग और सेक्सुअल मीडिया की प्रतिक्रिया शामिल थी। इस मूवमेंट में ऐसे लोग हैं जो रोमांटिक अटैचमेंट बनाने के बजाय जंक फूड रिलेशनशिप पर खुद को टिकाए हुए हैं। “अध्यात्मवादी और विपश्यना के अग्रणी एसएन गोयनका ने कहा, या तो आप हर जगह उथले खाइयों का एक गुच्छा खोद सकते हैं, या एक स्थान पर एक गहरा कुआं।” शारीरिक संतुष्टि थोड़े समय के लिए होते हैं। रंगमंच के अभिनेता अंकुर विकल कहते हैं, “अपने आप को जानने के लिए आपको जीवन भर का समय लगता है, जो आपको किसी दूसरे व्यक्ति को कुछ हद तक जानने में मदद करता है।”

मनोचिकित्सक डॉ. दयाल मीरचंदानी कहते हैं, “आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ बाहर जाना चाहते हैं जो आपके लिए सही नहीं है। जब आप बहुत जल्द शारीरिक हो जाते हैं, तो आप वास्तव में व्यक्ति को जाने बिना अटैज्ड हो जाते हैं। लेकिन क्या एक ऐसे रिश्ते में रहना बेहतर नहीं है जो ,सपोर्टिव हो और आपको अच्छा लगता हो? बजाय किसी से शारीरिक रिश्ता बनाना। किसी व्यक्ति की आदतों को जानना बेहतर है और फिर निर्णय लेना। इस मायने में, स्लो लव सुरक्षित संबंधों के लिए बनाता है।”

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