कृषि बिल के विरोध में देश के अलग-अलग हिस्सों के किसान 25 नवंबर से सड़कों पर हैं। एक दिन पहले ही शक्ति प्रदर्शन करते हुए किसानों ने ट्रैक्टर मार्च भी निकाला। इस किसान आंदोलन में पंजाब के किसान नेताओं के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े किसान नेता राकेश टिकैत का नाम भी सुर्खियों में है। राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं और किसानों के उस कोर ग्रुप में शामिल हैं जो कृषि बिलों और किसानों के मुद्दों को लेकर सरकार से बातचीत कर रहा है।

कौन हैं राकेश टिकैत? : अपने सरल स्वभाव के लिए पहचाने जाने वाले राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसानों के बड़े नेता रहे चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के पुत्र हैं। उनके बड़े भाई नरेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन(अराजनैतिक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। राकेश टिकैत लंबे समय से पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं। इससे पहले किसानों के हित में वो गन्ना मिलों के खिलाफ भी कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं। किसानों की लड़ाई लड़ने वाले राकेश टिकैत अब तक 40 से अधिक बार जेल भी जा चुके हैं।

दिल्ली पुलिस की नौकरी छोड़ चुके हैं: 1985 में किसान नेता राकेश टिकैत का चयन दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पद पर हुआ था लेकिन सरकारी दबाव के कारण राकेश टिकैत ने 1993 में पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद राकेश टिकैत भाकियू से जुड़ गए, भारतीय किसान यूनियन के ज्यादातर व्यवहारिक फैसले राकेश टिकैत ही लेते हैं।

बड़े भाई नरेश टिकैत हैं भाकियू के अध्यक्ष : 15 मई 2011 को किसानों के मसीहा कहे जाने वाले चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत का निधन हो गया। इसके बाद बालियान खाप और भारतीय किसान यूनियन की जिम्मेदारी उनके बड़े बेटे नरेश टिकैत के कंधों पर आ गई। हालांकि भाकियू के ज्यादातर किसान आंदोलनों का नेतृत्व राकेश टिकैत ही करते हैं।

राकेश टिकैत की शादी सुनीता देवी से हुई है, जो बागपत की रहने वाली हैं। दोनों के तीन बच्चे, एक बेटा और दो बेटियां हैं। उनकी पत्नी सुनीता भी गाजीपुर बॉर्डर पर लगातार प्रदर्शन में अपनी सहभागिता दे रही हैं। राकेश टिकैत के भतीजे गौरव टिकैत भारतीय किसान यूनियन (युवा) के अध्यक्ष हैं जबकि उनके बेटे चरण सिंह टिकैत भी भाकियू का कामकाज देखते हैं।

चुनाव भी लड़ चुके हैं राकेश टिकैत : किसान आंदोलनों के अलावा राकेश टिकैत चुनाव भी लड़ चुके हैं। उन्होंने 2007 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था जबकि 2014 में राकेश टिकैत आरएलडी के टिकट पर अमरोहा लोकसभा से चुनाव लड़े थे। हालांकि चुनावी मैदान में राकेश टिकैत को दोनों बार हार का सामना करना पड़ा।