लालू प्रसाद यादव ने साल 1990 में बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। लालू इससे पहले भी कई चुनाव जीत चुके थे। लालू ने जीवनी ‘गोपालगंज से रायसीना’ में अपने कार्यकाल के एक वाकये का जिक्र किया है। इसमें लालू यादव ने बताया था कि एक समय ऐसा भी आया था जब उनके सिर पर सत्ता का ‘नशा’ चढ़ गया था और वह बहुत अहंकारी हो गए थे।
लालू प्रसाद यादव लिखते हैं, ‘मुख्यमंत्री बनने के बाद मैं पूरी तरह बेपरवाह हो गया था और अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की सलाह की अनदेखी करने लगा था। मेरा कद बड़ा था, इसलिए पार्टी के नेता सलाह न मानने के बावजूद मुझे कुछ नहीं कहते थे। राजनीति में लगातार सफलता मिलने के बाद मैं अहंकारी हो गया था। मैं बिना कोई अतिरिक्त प्रयास किए सफल होता जा रहा था। पटना यूनिवर्सिटी के महासचिव से अध्यक्ष बना और फिर लोकसभा और विधानसभा चुनाव भी जीतता गया।’
लालू प्रसाद यादव ने गलती की थी स्वीकार: लालू आगे लिखते हैं, ‘मैं जे.पी आंदोलन का भी हीरो बन गया था। कई बड़े समाजवादी नेताओं को पछाड़कर मैं विपक्ष का नेता भी बना। एक तरह से आजादी के बाद मैं बिहार का सबसे लोकप्रिय सीएम तक बन गया था। जब भी कोई मेरे पास अपनी तकलीफ लेकर आता था तो मैं एक ही तरह का जवाब देता, ‘अच्छा जाइए, देखेंगे।’ उनके जाने के बाद मैं ये सब भूल भी जाता था। पार्टी के अनेक लोगों को मेरे व्यवहार से तकलीफ हुई और उन्होंने पार्टी तक छोड़ दी।’
लालू ने अपनी गलती को स्वीकार करते हुए लिखा था, ‘मुझे उन सभी नेताओं का ध्यान रखना चाहिए था जो पार्टी छोड़कर जा रहे थे। मैंने अपनी गलती साल 2004 में रेल मंत्री बनने के बाद सुधारी भी। यही वजह थी कि रेल भी ज्यादा मुनाफे में चली और अब मैंने अपनी आदत भी पूरी तरह बदल दी है। मैं अपने साथियों का पूरी तरह ध्यान रखता हूं। मैं तो सत्ता पाने के दिवास्वप्न भी देखता था। सत्ता मिली भी तो एक तरफा जीत के साथ। मैं अपने विराट लक्ष्य पर भी टिका रहा।’
बता दें, लालू यादव 1990 से लेकर 1997 तक बिहार के सीएम रहे थे। इसके बाद चारा घोटाले में उन्हें कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा था और उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाया था। चारा घोटाले में गिरफ्तार होने के बाद उन्होंने जनता पार्टी से अलग आरजेडी की नींव रखी थी। साल 2004 में यूपीए की सरकार में उन्हें रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी।
जब लालू ने कहा- खैनी खाएंगे: बिहार में राष्ट्रीय जनता दल की सरकार जा चुकी थी और एक बार प्रचार के दौरान न्यूज़18 के एंकर सुमित अवस्थी ने चारा घोटाले को लेकर उनसे सवाल पूछा था। लालू यादव इसका जवाब देने से बचते नज़र आए थे। उन्होंने कैमरे के सामने ही बोल दिया था- हटाओ भाई, अब खैनी खाएंगे।