इस साल भारत अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। जिसके लिए तैयारियां काफी जोरो-शोरों से चल रही हैं। आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के मौके पर इस बार देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्षगांठ को यादगार बनाने और लोगों में देशभक्ति की भावना को बढ़ाने के लिए हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत भी की है।

जैसा कि हम सभी जानते हैं भारत ने अपनी आजादी के लिए बहुत लंबी लड़ाई लड़ी थी और खूब संघर्ष भी किया था। फिर 15 अगस्त 1947 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने तिरंगा फहराया था। बता दें कि आजादी के इस दिन काफी कुछ ऐसा भी हुआ था जो कभी इतिहास के पन्नों में दर्ज ही नहीं हुआ था। तो आइए आजादी की इस 75वीं वर्षगांठ पर जानते हैं भारत का इतिहास और कुछ रोचक तथ्य जिससे बहुत कम लोग परिचित हैं।

स्वतंत्रता दिवस से जुड़ा इतिहास (History of Independence day of India )

भारत के लिए 15 अगस्त 1947 का दिन सबसे खूबसूरत दिन था। इस दिन हर एक भारतवासी ने अंग्रेजों की हुकूमत से आजादी पायी थी और हर एक व्यक्ति आजाद भारत के खुली हवा में बिना किसी डर व खौफ के सांस ले रहा था। बता दें कि आजादी की इस लड़ाई में देश ने अपने कई वीर सपूतों और बलिदानियों को भी खोया था। 14 अगस्त की रात को पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भारत की आजादी की घोषणा की थी। 15 अगस्त 1947 की सुबह जवाहर लाल नेहरू ने दिल्ली में स्थित लाल किले के लाहोरी गेट पर पहली बार भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया था।

बिस्मिल्लाह खां की शहनाई की धुन पर हुई थी आजादी की पहली सुबह (Famous musician Bismillah khan sung his raag on first Independence day )

आजादी के मौके पर जवाहर लाल नेहरू की इच्छा थी कि मशहूर शहनाईवादक बिस्मिल्लाह खान को आजादी के इस उत्सव में आमंत्रित किया जाएं। क्योंकि पंडित जवाहर लाल नेहरू को बिस्मिल्लाह खां के राग सुनना बहुत पसंद थे। इसलिए बिस्मिल्लाह खां को दिल्ली बुलाया गया और आजाद भारत में पहली किरण का स्वागत बिस्मिल्लाह खान की शहनाई की धुन पर किया गया था। इसके बाद फिर जवाहर लाल नेहरू ने तिरंगा फहराया था।

स्वतंत्रता दिवस से जुड़े कुछ रोचक तथ्य (Interesting facst about independence day )

15 अगस्त के दिन भारत के अलावा और भी कई देशों को आजादी मिली थी। जिसमें साउथ कोरिया, नार्थ कोरिया, बहरीन आदि देश शामिल हैं। लार्ड माउंटबेटन ने ही स्वतंत्रता दिवस के रूप में 15 अगस्त का दिन चुना था ।

आजादी के एक दिन बाद लाल किले पर तिरंगा फहराया गया था क्योंकि उससे पहले तिरंगे के स्थान को लेकर उलझन बनी हुई थी। जब भारत आजाद हुआ था उस समय देश का कोई राष्ट्रगान नहीं था। क्योंकि ‘जन गण मन ‘ को राष्ट्रगान को दर्जा 1950 में मिला था। लेकिन उस समय जवाहर लाल नेहरू द्वारा दिया गया भाषण ही लोगों के लिए राष्ट्रगान के समान था।