पीरियड्स के दौरान हाइजीन का बेहद ही ख्याल रखने की जरूरत होती है। क्योंकि इस दौरान इंफेक्शन फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। ऐसे में अगर बारिश का मौसम हो तो साफ-सफाई का ध्यान रखने की अधिक आवश्यकता हो जाती है। बरसात के इस मौसम में थोड़ी-सी भी लापरवाही यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और वेजाइनल इंफेक्शन का कारण बन सकती है। ऐसे में आज हम आपको कुछ टिप्स देंगे, जिन्हें पीरियड्स के दौरान इंफेक्शन से बचने के लिए आप अपना सकती हैं।

नैपकिन बदलते रहें: कुछ महिलाएं पीरियड्स के दौरान लंबे समय तक एक ही पैड का इस्तेमाल करती हैं। हालांकि, ऐसा करना हाइजीन की दृष्टि से कभी भी स्वस्थ नहीं होता। इसके कराण इंफेक्शन हो सकता है। बारिश के दौरान तो इंफेक्शन का खतरा अधिक बढ़ जाता है। इसलिए दिन में तीन से चार बार पैड बदलते रहना चाहिए।

गीलापन: पीरियड्स के कारण प्राइवेट पार्ट बहुत गीला रहता है। ऐसे में बारिश के कारण भी प्राइवेट पार्ट में नमी बनी रहती हैं। इसके कारण इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में अगर आप टॉयलेट जा रही हैं तो नैपकिन या फिर टॉयलेट पेपर की मदद से अपने प्राइवेट पार्ट को अच्छी तरह से सूखा लें और फिर पैड का इस्तेमाल करें। ऐसा करने से इंफेक्शन नहीं होता।

साबुन का न करें इस्तेमाल: महिलाओं को प्राइवेट पार्ट में वैसे तो कभी भी साबुन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, हालांकि खासतौर पर पीरियड्स के दौरान इसका अधिक ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि साबुन के इस्तेमाल से त्वचा का नेचुरल पीएच लेवल बिगड़ सकता है, जो स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। आप साबुन की जगह प्राइवेट पार्ट वॉश का इस्तेमाल कर सकती हैं।

गर्म पानी से करें सफाई: पीरियड्स के दौरान महिलाएं अपने प्राइवेट पार्ट की हल्के गुनगुने पानी से सफाई कर सकती हैं। इससे इंफेक्शन का खतरा बिल्कुल नहीं रहता। हालांकि गर्म पानी से सफाई करने के बाद स्किन को नैपकिन की मदद से जरूर सूखा लें।

पब्लिक टॉयलेट का न करें इस्तेमाल: पीरियड्स के दौरान पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। अगर आप उसका इस्तेमाल कर भी रही हैं तो पहले सेनेटाइजर या फिर टॉयलेट स्प्रे का जरूर इस्तेमाल कर लें।