Karwa chauth special Aalta mahawar design: हिंदू धर्म में नई दुल्हन से लेकर सुहागिन महिलाओं के लिए 16 श्रृंगार का विशेष महत्व होता है। तीज-त्योहार और पूजा-पाठ में सोलह श्रृंगार करने की परंपरा सालों से चली आ रही है। ये न सुहाग के प्रतीक माने जाते हैं बल्कि महिला की खूबसूरती को निखारने का काम भी करते हैं। सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास दिन करवा चौथ 10 अक्टूबर को है। इस दिन महिलाएं पैरों में लाल रंग का गहना महावर या आलता लगाती हैं। यह भी 16 श्रृंगार में से एक माना जाता है। इस बार आप मेहंदी के साथ पांव में आलता की सुंदर डिजाइन लगा सकते हैं।

जानिए क्या है आलता का इतिहास

पौराणिक कथाओं में कृष्ण जी राधा रानी का श्रृंगार करते समय उनके पैरों में आलता लगाते थे। इसे सोलह श्रृंगार में से एक माना जाता है।इसे त्योहारों, अनुष्ठानों, पूजा-पाठ में लगाया जाता है। यह न केवल पवित्रता को दर्शाता है बल्कि शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जब कोई सुहागिन महिला पैरों में आलता लगाती है तो यह परिवार की सुख-समृद्धि का भी प्रतीक माना जाता है। हिंदू शादियों में दुल्हनों के पैरों में ये जरूर लगाया जाता है। इसे पैरों में लगाने से शरीर के साथ मानसिक सुरक्षा भी बनी रहती है।

करवा चौथ पर आप फूलों की डिजाइन वाला आलता लगा सकते हैं। इसके साइड से एक बराबर फूल बनाएं। उसी डिजाइन में बीच में फूल बनाएं। आप चाहें तो इसकी आउटलाइफ मेहंदी से कर सकते हैं।

पैरों में आप करवा चौथ पर जाली की आकृति में महावार लगा सकती हैं। इसके साथ बिछिया पहनने पर पांव सुंदर नजर आएंगे।

पैर में मेहंदी या महावर से बॉर्डर बनाएं। इसके बाद सफेद कुमकुम से इसके ऊपर डिजाइन बनाएं। इससे पैरों की सुंदरता बढ़ जाएगी।