बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया कभी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सबसे करीबी लोगों में से एक हुआ करते थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया कई बार मंचों से बीजेपी के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर चुके थे, लेकिन साल 2020 में उन्होंने बीजेपी के साथ अपना राजनीतिक करियर आगे बढ़ाने का फैसला किया और कांग्रेस से अलग हो गए। ज्योतिरादित्य ग्वालियर के राजघराने से आते हैं और उनके पिता भी कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिसंबर 1994 में प्रियदर्शनी राजे से शादी की थी। दोनों की अरेंज मैरिज हुई थी। प्रियदर्शनी के पिता कुमार संग्राम सिंह गायकवाड़ बड़ौदा के राजा प्रताप सिंह गायकवाड़ के बेटे हैं। जबकि उनकी मां नेपाल के राजघराने से ताल्लुक रखती हैं। ज्योतिरादित्य और और प्रियदर्शनी की पहली मुलाकात दिल्ली में हुई थी। इस दौरान ज्योतिरादित्य अमेरिका में रहते थे और प्रियदर्शनी मुंबई में। प्रियदर्शनी लाइमलाइट से दूर ही रहना पसंद करती हैं।
प्रियदर्शनी और ज्योतिरादित्य के 2 बच्चे हैं। उनकी बेटा का नाम अनन्या और बेटे का नाम महाआर्यमन सिंधिया है। प्रियदर्शनी की स्कूलिंग मुंबई से ही हुई है। प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया को Verve की ‘बेस्ट ड्रेस्ड – 2008’ की लिस्ट में शामिल किया गया था. इसके बाद साल 2012 में फेमिना की देश की 50 सबसे खूबसूरत महिलाओं की लिस्ट में भी प्रियदर्शनी ने अपनी जगह बनाई थी।
पति के लिए किया था चुनाव प्रचार: प्रियदर्शनी आमतौर पर अपने घर में ही रहती हैं। एक इंटरव्यू में उनसे घर के बारे में पूछ गया था, जिसके जवाब में उन्होंने कहा था, ‘किसी भी महल में रहना एक फुलटाइम जॉब के बराबर है।’ ज्योतिरादित्य और प्रियदर्शनी के महल का नाम ‘जयविलास’ है। ये ग्वालियर स्थित एक आलीशान महल है। हालांकि साल 2019 में प्रियदर्शनी ने अपने पति ज्योतिरादित्य के समर्थन में चुनाव प्रचार भी किया था। ये पहली बार थी जब उन्हें सीधा चुनावी मैदान में किसी के समर्थन में देखा गया था।
ज्योतिरादित्य ने अपने पिता माधव राव सिंधिया के आकस्मिक निधन के बाद राजनीति में आने का फैसला किया था। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के मुताबिक, पिता की मौत के बाद ज्योतिरादित्य ने कहा था, ‘प्रियदर्शिनी मेरे लिए क्या मायने रखती है, बाबा (माघव राव सिंधिया) सबसे अच्छा (ई-मेल) वर्णन करते हैं। उन्होंने प्रियदर्शनी के बारे में लिखा था कि वह किसी बांध की तरह हैं जो उनके बेटे का ध्यान रखती हैं। प्रियदर्शनी मेरी भावनात्मक शक्ति हैं, हमारे घर की नींव उनसे है। प्रियदर्शनी मतलब सबकुछ है मेरे लिए। राजनीति उसे पसंद नहीं है। उसे सिर्फ लिखने का शौंक है।’

