ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी विजयाराजे सिंधिया बीजेपी की बड़ी नेता थीं। विजयाराजे सिंधिया की शादी ग्वालियर के महाराज महाराज जीवाजी राव से हुई थी। जीवाजी से पहले माता-पिता ने विजयाराजे के लिए कई लड़के देखे थे। एक बार तो उनके मामा झूठ बोलकर एक लड़का दिखाने के लिए ले गए थे। विजयाराजे ने अपनी आत्मकथा ‘रॉयल टू पब्लिक लाइफ’ में इसका जिक्र किया है।

विजयाराजे ने लिखा था, लेफ्टिनेंट चौहान से मेरी शादी कैंसिल होने के बाद परिवार ने लड़के की खोज एक बार फिर शुरू कर दी थी। मैं उस दौरान बहुत कमजोर थी इसलिए नानी को लगता था कि इस दुबली-पतली लड़की को कोई पसंद नहीं करेगा। उन्होंने मुझे मोटा करने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन कोई बदलाव नहीं आने पर उन्होंने भी कोशिश छोड़ दी। मेरे मामा, उनकी पत्नी और नानी ने कोलकाता जा रहे थे। यूं तो मेरे दो मामा थे, लेकिन मैं कुंजर मामा के ज्यादा करीब थी।

बकौल विजयाराजे, कुंजर मामा ने मुझे भी साथ कोलकाता घूमने चलने के लिए कहा। नानी को मैंने मामा से कहते हुए सुना, ‘ये बहुत कमजोर हो गई है। जब भी आप इसे बाहर लेकर जाओ, तो पूरी बाजू वाला ब्लाउज पहनाना मत भूलना।’ मुझे इस दौरान लगा कि मामा कोई वैकेशन पर तो जाने के लिए कोलकाता नहीं आए हैं।

त्रिपुरा के महाराज से नहीं हो पाई थी विजयाराजे की शादी: मामा ने धीरे से नानी को इस बारे में बता दिया था और मैंने ये सब सुन लिया था। कोलकाता जाते हुए उन्होंने गाड़ी में मुझे बताया, ‘हम त्रिपुरा के माणिक्य राजघराने के राजकुमार दुर्जे किशोर देव वर्मन से मिलने के लिए जा रहे हैं। उनके छोटे भाई का रिश्ता आया है तुम्हारे लिए।’ विजयाराजे याद करती हैं, मुझे ये सुनकर बिल्कुल भी अचंभा नहीं हुआ क्योंकि ये तो मैं पहले ही सुन चुकी थी। दोनों परिवारों की मुलाकात कोलकाता में हुई। विजयाराजे को माणिक्य राजघराने ने पसंद कर लिया था।

वरिष्ठ पत्रकार और लेखक राशिद किदवई ने अपनी किताब ‘द हाउस ऑफ सिंधियाज: ए सागा ऑफ पावर, पॉलिटिक्स एंड इंट्रिग’ में इसका जिक्र करते हुए लिखा था कि सिंधिया परिवार ने त्रिपुरा के महाराज के बारे में जानकारी जुटाना शुरू कर दिया था। इस बीच मराराज की कुछ खराब आदतें निकलकर सामने आईं, जिसकी वजह से ये शादी नहीं हो पाई थी।