Jitiya Geet: जीवित्पुत्रिका व्रत यानी जितिया व्रत बिहार, यूपी, झारखंड में बड़े पैमाने पर रखा जाता है। महिलाएं बच्चों की दीर्घ आयु के लिए यह निर्जला उपवास करती हैं। इस बार 4 सितंबर, रविवार को ही जितिया का व्रत (jitiya kab hai) रखा जाएगा। इस दिन कुशा से बने हुए जीमूतवाहन की पूजा की जाती है।
साथ ही पारंपरिक गीतों को गाया और सुना जाता है। भोजपुरी के कुछ पारंपरिक गीतों की इस दिन धूम रहती है। लोग सोशल मीडिया पर भी जितिया के गीतों पर रील्स बनाकर शेयर करते हैं। यहां हम आपके लिए कुछ जितिया के गीत उनके लिरिक्स के साथ लेकर आए हैं।
Jitiya Vrat Geet Lyrics (जितिया व्रत लिरिक्स)
जुग जुग जिय ए बबुआ हमार हो
तोहरा प बाबू कबहू आचना आए
अचरा के फुलवा कबो ना मुरझाए
तोहरा प बाबू कबहू आचना आए
अचरा के फुलवा कबो ना मुरझाए
तोहरो जीनगीया के दिही सवार हो
जिऊत वाहन देव अर्जी करीह स्वीकार हो
चंदा जैसन चमके ई मुखड़ा तोहार हो
जुग जुग जिय ए बबुआ हमार हो
चंदा जैसन चमके ई मुखड़ा तोहार हो
जुग जुग जिय ए बबुआ हमार हो
हमरो दुलरवा के नजरों ने लागे
रहीह तू हरदम सबका से आगे
पढ़ लिख के बबुआ खूब नाम कमईह
कौनो परेशानी से तू कबहू ना डेरईह
जीऊत वाहन देव के बा महिमा अपार हो
एही से त निर्जल भूकल बानी त्यौहार हो
चंदा जैसन चमके ई मुखड़ा तोहार हो
जुग जुग जिय ए बबुआ हमार हो
चंदा जैसन चमके ई मुखड़ा तोहार हो
जुग जुग जिय ए बबुआ हमार हो
हमरो उमर तोहरा के लग जाए
रोग बल्ला कोई छू नहीं पाई
पावन परब हम तोहरे ला करिले
कवनो ना गलती होखे ध्यान हम धरीले
तोहरे से रोशन बा अंगना हमार हो
कबहु भुलइह ना माई के दुलार हो
चंदा जैसन चमके ई मुखड़ा तोहार हो
जुग जुग जिय ए बबुआ हमार हो
चंदा जैसन चमके ई मुखड़ा तोहार हो
जुग जुग जिय ए बबुआ हमार हो
Jug Jug Jiye Mor Babua Dularua
जुग जुग जिए मोर
जुग जुग जिए मोर बबुआ दुलरुवा
जिउत वहांन देवता से करब हम अरजिया
ऐ हो सखी भुखीब
ऐ हो सखी भुखीब
जितिया के परबिया…
बड़ा भारी होला सखी जितिया के बरतिया
बड़ा भारी होला
तीन दिन के होला सखी पावन परबिया
न खाये उपवास पारण के बा बिधिया
आशीन अनहरिया के अस्टमी तिथि के
जीवतिया पुजाला निरजल व्रत रख के
सासु जी से पूछब
सासु जी से
सासु जी से पूछब कुल व्रत के नियमिया…
ऐ हो सखी भुखीब
ऐ हो सखी भुखीब
जितिया के परबिया…
बड़ा भारी होला सखी जितिया के बरतिया
बड़ा भारी होला
सप्तमी के दिने होला गंगा आसन्नवा
नवनि संग मडवा वर्ती खाये एहि दिनवा
नेनुवाके पातपर पुवा पकवनवा
चील सियारिन दिहल जाला भोगवा
गोतनि सग करब हम
गोतनि सग
गोतनि सग करब हम
भोर में सरगहिया
ऐ हो सखी भुखीब
ऐ हो सखी भुखीब
जितिया के परबिया…
बड़ा भारी होला सखी जितिया के बरतिया
बड़ा भारी होला
लव कुश पुजला सखी अष्टमी के संझिया
कथा सुनीली बूढ़ होके चाहे कन्या
नवमी के भोर होला पारण के दिनवा
कांडा गिराउके बनेला भोजनवा
सईया से मगाइब हम
उत्तम जी से
खुसबू मगाइये सोने के जिउतिया
ऐ हो सखी भुखीब
ऐ हो सखी भुखीब
जितिया के परबिया…
बड़ा भारी होला सखी जितिया के बरतिया
बड़ा भारी होला…।