पूरे देश में आज, यानी 14 सितंबर को जितिया व्रत धूमधाम से मनाया जा रहा है। कई जगहों पर इसे जीवित्पुत्रिका व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए निर्जला उपवास रखती हैं और पूजा-पाठ करती हैं। ऐसे में इस दिन तरह-तरह के प्रसाद का भी भोग लगाया जाता है। हम आपके लिए 5 तरह के प्रसाद की रेसिपी लेकर आए हैं, जिन्हें आप पूजा के समय प्रसाद के रूप में चढ़ा सकती हैं।
प्रसाद में लगाएं ठेकुआ का भोग
जितिया पर प्रसाद में ठेकुआ का भोग लगाया जाता है। ठेकुआ गेहूं के आटे, गुड़ और घी से तैयार किया जाता है। यह एक पारंपरिक प्रसाद है, जिसे खासकर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में त्योहारों और व्रत-उपवास के अवसर पर बनाया जाता है।
खीर-पूड़ी का भोग
जितिया व्रत में कई जगहों पर खीर-पूड़ी का भोग लगाया जाता है। इस दिन व्रती महिलाएं पूजन के समय भगवान को खीर-पूड़ी, ठेकुआ और अन्य पारंपरिक व्यंजनों का भोग लगाती हैं। खीर दूध, चावल और गुड़ से तैयार की जाती है।
साग का भोग
जितिया के मौके पर नोनी साग का खास महत्व होता है। इस दिन महिलाएं पूजा के समय इस साग को बनाती हैं और प्रसाद के रूप में अर्पित करती हैं।
पंचमेवा का भोग
जितिया पूजा पंचमेवा के बिना अधूरी मानी जाती है। इस खास मौके पर काजू, किशमिश, बादाम, अखरोट और नारियल का मिश्रण यानी पंचमेवा का भोग जरूर लगाएं। इसे आप खीर या हलवे में भी डाल सकते हैं।
हलवे का भोग
जितिया व्रत में हलवा विशेष भोग के रूप में अर्पित किया जाता है। इसे सूजी, घी, चीनी और मेवों से तैयार किया जाता है। यह सात्विकता और मिठास का प्रतीक है। पूजा में हलवे का भोग लगाने से व्रत पूर्ण होता है।