प्रेग्नेंसी के दौरान हेल्दी डाइट का सेवन करना बेहद जरूरी है। पौष्टिक खाद्य पदार्थों के दायरे में ऐसी कई चीजें हैं जो प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को फायदा पहुंचाती है। कंसीव करने के बाद से महिला को अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। इस दौरान किन फूड्स का सेवन करें और किन से परहेज करें यह जानना बेहद जरूरी है। अक्सर प्रेग्नेंसी के दौरान महिला को पपीता का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है। पपीता सेहत के लिए बेहद फायदेमंद फ्रूट है जो पाचन को दुरुस्त रखता है और सेहत में सुधार करता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि सेहत के लिए फायदेमंद पपीता क्या प्रेग्नेंसी में नुकसान पहुंचाता है? पपीता का किस तरह सेवन फायदेमंद है।
कच्चा या पक्का कौन सा पपीता प्रेग्नेंसी में है फायदेमंद:
पके हुए पपीते में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है, जो गर्भावस्था के दौरान एक आवश्यक पोषक तत्व है। डॉ बत्रा के अनुसार कच्चे पपीते में मौजूद हाई फाइबर स्टूल पास करने में आसानी करता है ये गर्भाशय पर दबाव डाल सकता है और गर्भपात का कारण बन सकता है। इसलिए प्रेग्नेंसी में कच्चा पपीता का सेवन करने से बचना चाहिए।
मिलन फर्टिलिटी एंड बर्थिंग हॉस्पिटल की सलाहकार, प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ बी गौतमी ने बताया कि सभी फलों की तरह ही पपीता भी पोषक तत्वों से भरपूर है। ये खनिजों और पानी से भरा होता है। कच्चे पपीते में लेटेक्स और पैपिन होता हैं, एक प्रकार के रासायनिक पदार्थ जो प्रोस्टाग्लैंडीन और ऑक्सीटोसिन नामक यौगिकों के समूह के समान कार्य करता हैं। इसलिए अगर प्रेग्नेंट महिला कच्चे पपीते का सेवन करती है, तो यह बच्चे के चारों ओर झिल्ली को कमजोर करके गर्भपात, समय से पहले प्रसव का कारण बन सकता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान कच्चे पपीते से बचना बुद्धिमानी है।
एमबीबीएस, पोषण विशेषज्ञ डॉ रोहिणी पाटिल ने बताया है कि पके हुए पपीते में फोलेट, फाइबर, कोलीन और विटामिन ए, बी और सी जैसे पोषक तत्व मौजूद हैं जो प्रेग्नेंसी के दौरान महिला को फायदा पहुंचाते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक कच्चा पपीता को आप चाहे पकाकर भी खाएं तो वो सेहत को नुकसान ही पहुंचाता है। इसके विपरीत पका हुआ पपीता किसी भी रूप में लेना ठीक है।
प्रेग्नेंसी में पपीता का सेवन कितना और कब करना सुरक्षित है:
प्रेग्नेंट महिलाओं को सप्ताह में दो या तीन बार पूरी तरह से पका हुआ पपीता 1 कप (100 ग्राम) खाने की सलाह दी जाती है। इसे महिलाएं सीधे काट कर या फिर स्मूदी के रूप में खा सकती हैं। इस फल का सेवन दिन में किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन सोने से पहले इसका सेवन करने से अपच की समस्या दूर हो जाती है।
पके हुए पपीते को डिलीवरी के बाद खाया जा सकता है क्योंकि इनमें विटामिन और मिनरल की मात्रा अधिक होती है। पपीते का सेवन मां में दूध की मात्रा को बढ़ाने में भी असरदार साबित होता है।