गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है ऐसा ही एक है अपने बालों को कलर करना। प्रेग्नेंसी के दौरान बालों को कलर करने पर लोगों की अलग-अलग राय होती है। हालांकि दिशानिर्देशों के मुताबिक प्रेग्नेंसी के दौरान बालों को कलर कर सकते हैं, फिर भी गर्भवती महिलाओं को किसी भी जटिलता से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.अमीना खालिद ने इंस्टाग्राम पर लिखा कि 2021 में 2000 महिलाओं पर किए गए अध्ययन से पता चला है कि जिन महिलाओं ने प्रेग्नेंसी के दौरान बालों पर कलर किया था उनके बच्चे का वजन जन्म के समय कम था।
एक्सपर्ट ने लिखा है कि बाजार में बहुत सारे हेयर डाई उपलब्ध हैं लेकिन महिलाओं को किसी अज्ञात,गैर-ब्रांडेड कलर को खरीदने से बचना चाहिए। इन ब्रांड की गुणवत्ता और जांच का पता नहीं चलता, उनमें हानिकारक पदार्थ हो सकते हैं जो प्रेग्नेंसी में बच्चे को नुकसान पहुंचा सकते हैं। प्रेग्नेंसी निश्चित रूप से जोखिम लेने का समय नहीं है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि गर्भवती महिलाओं को अपने बालों को रंगते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
प्रेग्नेंट महिलाओं को अपने बालों को रंगते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- प्रेग्नेंसी के पहले 12 हफ्तों के बाद अपने बालों को डाई करना बेहतर होता है। हेयर डाई की मात्रा मां के रक्तप्रवाह में प्रवेश कर सकती है और गर्भ में बच्चे तक पहुंच सकती है। प्रेग्नेंट महिलाएं कोशिश करें कि प्रेग्नेंसी के 12 हफ्तों के बाद ही बालों पर कलर करें।
- गाइडलाइन के मुताबिक पर्मानेंट और सेमीपर्मानेंट हेयर डाई में रसायन अत्यधिक विषैले और सुरक्षित नहीं होते हैं। हेयर कलर करने के लिए तब तक इंतजार करना सबसे अच्छा है जब तक कि बच्चे के बॉडी में अंग विकसित न हो जाएं।
- अपने बालों को हाइलाइट करना या केवल बालों की लटों पर डाई लगाना एक सेफ और अच्छा विकल्प है। इस तरह से बालों को कलर करने से रसायन केवल आपके बालों द्वारा अवशोषित होते हैं न कि आपकी स्केल्प या रक्तप्रवाह में।
- सेमी पर्मानेंट वेजिटेबल डाई जैसे मेंहदी भी बालों को कलर करने के लिए एक अन्य सुरक्षित विकल्प है।
- बालों को हवादार कमरे में रंगना चाहिए। इससे किसी भी डाई की स्मैल को कम करने में मदद मिलती है।