एक औरत भगवान द्वारा बनाई गई सबसे सुंदर क्रीएशन है। एक औरत में त्याग, प्रेम और स्नेह के भाव देखने को मिलते हैं। इस इंटरनेशनल वुमेन्स है हम ऐसी कुछ भारतीय महिलाओं की बात करेंगे जिन्होंने समाज में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और भारत की प्ररेणादायक महिलाओं में इनका नाम शामिल हुआ। यह महिलाएं समाज में बदलाव लाई और अनेक महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी। इन आयरन लेडीज़ ने समाज को दिखाया कि ऐसा कुछ भी नहीं है जो वह नहीं कर सकती। इन महिलाओं ने यह दिखाया कि इनके पास इनके पास इतनी शक्ति हैं कि वह रास्ते में आने वाली अड़चनों से भी नहीं डरती। इस वुमेन्स डे आप अपने जीवन को सार्थक बनाना चाहते हैं तो महिलाओं को प्यार देने के साथ उन्हें बढ़ावा भी दें। महिलाओं की इस लिस्ट पर ही बात खत्म नहीं होती हैं हमें हर महिला का सम्मान करना चाहिए। एक गृहिणी से लेकर कामकाजी महिला, स्पोर्ट्स वुमेन, ऐक्टिविस्ट सभी महिला हर तरह से समाज को अपना महत्वपूर्ण योगदान देती है।
कल्पना सरोज: आज हमारे देश में सबसे ज्यादा मांग कारोबारियों की है और कल्पना सरोज का एक स्लमडॉग मिलेनियर में गिना जाता है। कल्पना का जन्म एक गरीब दलित परिवार में हुआ था उन्होंने गरीबी, शारीरिक शोषण और भेदभाव के बीच हुआ। उनके लिए जीवन की राह आसान नहीं रही। 12 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई और शादी के बाद उन्हें काफी प्रताड़ना झेलनी पड़ी। इतना ही नहीं उन्होंने आत्महत्या तक करने की कोशिश भी की थी। इस सबके बावजूद उन्होंने अपनी जिंदगी को नई राह दी। दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत के बल पर आज वह मुंबई में कमानी ट्यूब्स की चेयरपर्सन बनी। कल्पना को पदमश्री सम्मान मिल चुका है और 500 करोड़ की कंपनी को संभाल रही हैं।

लक्ष्मी अग्रवाल: लक्ष्मी एक म्युजिशिन बनाना चाहती थीं, वह 15 साल की थी। एक दिन वह अपने स्कूल से लौट रही थी उनसे दुगने उम्र के आदमी ने उनके चेहरे पर एसिड फेंक दिया था। इस हादसे के बाद वह काफी परेशानियों से गुजरी। इस दौरान उनके पिता की मृत्यु भी हो गई। लेकिन लक्ष्मी ने हार नहीं मानी और अपने जीवन को नया मोड़ दिया। लक्ष्मी अपने ही जैसे एसिड अटैक विकटिम के लिए ऐक्टिविस्ट बन गई और उनकी हक की लड़ाई के लिए आगे आई। लक्ष्मी को आलोक दीक्षित में सच्चा प्यार दिखाई दिया और आज दोनों की एक बेटी है जिसका नाम पीहू है। लक्ष्मी ने फेस आॅफ करेज नाम की ब्रांड एम्बेस्डर बनकर समाज को नया संदेश दिया।

टेसी थॉमस : को अग्निपुत्री के नाम से जाना जाता है। टेसी थॉमस पहली महिला साइंसटिस्ट है जिन्होंने मिसाइल प्रोजेक्ट को लीड किया। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम को अपना प्रेरणास्रोत माना था। टेसी थॉमस ने अग्नि-2, अग्नि-3 और अग्नि-4 प्रक्षेपास्त्र की मुख्य टीम का हिस्सा बनीं।

कल्की सुब्रामनीयम: एक आर्टिस्ट, ऐक्टिविस्ट, आॅथर होने के साथ-साथ वह व्यसायी भी हैं। कल्की पहली ट्रांसजेंडर व्यवसासी हैं और वह सहोद्री फाउंडेशन की फाउंडर भी हैं। उनकी यह फाउंडेशन सोशल, आर्थिक और पॉलिटिकली ट्रांसजेंडर के लिए काम करती है। कल्की अपने जैसे लोगों की मदद करती हैं। इसके अलावा वह ट्रांसजेंडर के हक और उनके इम्पॉवरमेंट के लिए काम करती हैं।

तिरुपति देसाई: वह एक ऐक्टिविस्ट हैं जो जेंडर इक्वालिटी लड़ रही हैं। वह साल 2010 से मुंबई में एक संस्था चला रही हैं जिसका नाम भूमाता ब्रिगेड है। उनकी यह संस्था महिलाओं के खिलाफ होने वाले अन्याय के खिलाफ काम कर रहा है। इन्होंने मंदिरों में महिलाओं के रोक होने पर कई जगह प्रदर्शन किए हैं और इन्हें इसके लिए जाना जाता है।


