International day of Girl Child 2019: 11 अक्टूबर 2012 को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस (इंटरनेशनल डे ऑफ गर्ल चाइल्ड) के रूप में चिह्नित किया गया है। इंटरनेशनल डे ऑफ गर्ल चाइल्ड लड़कियों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने और लड़कियों के सशक्तीकरण और उनके मानव अधिकारों की पूर्ति को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करता है। यूनेस्को इस दिन को मनाने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी लड़कियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और गरिमापूर्ण जीवन मिले।
इस वर्ष का थीम, “Girl Force: Unscripted and unstoppable” है। बीजिंग डेकलेरेशन और प्लेटफ़ॉर्म फॉर एक्शन को अपनाने के बाद से हम लड़कियों के साथ और उनके लिए उपलब्धियों का जश्न मनाएंगे।
क्यों मनाते हैं इंटरनेशनल डे ऑफ गर्ल चाइल्ड
– 11 अक्टूबर 2012 में इसकी शुरूआत हुई थी।
– लड़कियों को समाज में अधिकार दिलाने के लिए
– लड़कियों को अपना हुनर दिखाने का हर अवसर मिले।
– पीएम मोदी ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान की शुरुआत की।
– ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना की शुरुआत साल 2015 में की थी।
– पहले अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का विषय बाल विवाह की समाप्ति रहा है।
दुनिया में कितनी महिलाएं हैं?
– आंकड़ों के अनुसार, आज दुनिया में महिलाओं की तुलना में पुरुषों की संख्या अधिक है।
– यूएन ने अनुमान लगाया कि पुरुषों की संख्या लगभग 3,776,294,273 है, जबकि महिलाओं की अनुमानित संख्या लगभग 3,710,295,643 है।
– लगभग 100 लड़कियों के लिए लगभग 107 लड़के पैदा होते हैं।
क्यों लड़कियां समाज के लिए जरूरी होती हैं?
– परिवार को एक साथ बांधती हैं
– मेहनती होती हैं
– आसानी से कई भूमिकाएं निभाती हैं
– परिवार की प्रतिष्ठा को बरकरार रखती हैं
– एक आदर्श संरक्षक के रूप में काम करती हैं
महिलाओं को प्रोत्साहित और सशक्त बनाने के लिए सरकार की नीतियां-
– बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ
– कस्तुरबा गांधी बालिका विद्यालय
– लाडली लक्षमी योजना
– धनलक्षमी
– किशोरी शक्ति योजना
– सुकन्या समृद्धि योजना
बेटियों से जुड़ी कुछ जरूरी और याद रखने वाली बातें-
– – बेटी इश्वर की अनुकंपा है
– बेटी सृष्टि का मूल आधार है
– बेटी सभ्यता की पालनहार है
– बेटी अभिशाप नहीं वरदान है
– बेटी एक अनमोल धरोहर है

