संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इसे पास करने के लिए कड़ी मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है।कई उम्मीदवार असफलता से निराश होकर बीच में ही हार मान लेते हैं, लेकिन तमाम अभ्यर्थी सफलता हासिल करने तक डटे रहते हैं। आज हम आपको कृष्ण कुमार सिंह की कहानी बताएंगे जिन्होंने अपने पांचवें प्रयास में इस परीक्षा में 24वीं रैंक हासिल की थी।
फेल हुए तो निराशा में डूब गए
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के रहने वाले कृष्ण कुमार सिंह ने अपना ज्यादातर समय दिल्ली में बिताया है। पढ़ाई की बात करें तो कृष्ण कुमार ने 12वीं तक की पढ़ाई गाजियाबाद के एक स्कूल से की है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली से बी.टेक की डिग्री हासिल की। स्नातक के बाद ही सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी।
इस दौरान कृष्ण कुमार लगातार फेल होते रहे। कई बार फेल होने पर वे निराश हो गए। इसी बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की एक परीक्षा पास की और मैनेजर बन गए। बैंक की नौकरी मिलने के बाद भी उनकी आईएएस बनने की इच्छा प्रबल रही। एक बार फिर पूरी ताकत से यूपीएससी के मैदान में उतरे और दृढ़ निश्चय की वजह से लगातार दो बार यूपीएससी की परीक्षा पास की।
पांचवें प्रयास में बन गए आईएएस
चौथे प्रयास में उन्हें आईपीएस काडर मिला, लेकिन पांचवें प्रयास में (साल 2020) की सिविल सेवा परीक्षा में कृष्ण कुमार ने न सिर्फ इस कठिन परीक्षा को पास किया बल्कि 24वीं रैंक हासिल कर टॉपर्स की सूची में भी अपना नाम दर्ज कराया। इस सफलता के साथ ही उनका आईएएस बनने का सपना पूरा हो गया।
कैसे की थी यूपीएससी तैयारी
कृष्ण कुमार ने पाठ्यक्रम के अनुसार अपनी पढ़ाई का कार्यक्रम बनाया और अध्ययन सामग्री तैयार की। इसके बाद उन्होंने मेहनत करना शुरू कर दिया। एक इंटरव्यू में वे कहते हैं कि जब आप तैयारी के लिए मैदान में उतर जाएं तो चुनौतियों से घबराएं नहीं। उनका मानना है कि तैयारी के दौरान समय प्रबंधन और उत्तर लिखने का अभ्यास बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आप कड़ी मेहनत करते हैं और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ यूपीएससी की यात्रा में आगे बढ़ते हैं, तो आप निश्चित रूप से सफलता प्राप्त कर सकते हैं।