How To Stop Overthinking: अधिक सोचने की आदत (Overthinking) एक समान मानसिक स्थिति है, जिसमें कोई भी व्यक्ति बार-बार एक ही विषय पर सोचता रहता है। इसमें कई बार इंसान तनाव और चिंता से ग्रसित हो जाता है। यह आदत समय और ऊर्जा की बर्बादी के साथ मानसिक शांति को भी प्रभावित करती है।
ओवरथिंक को लेकर सद्गुरु ने क्या कहा?
अगर आप भी ओवरथिंक की समस्या से परेशान हैं, तो सद्गुरु के बताए टिप्स को फॉलो कर सकते हैं। सद्गुरु के मुताबिक, अधिक सोचने की आदत एक मानसिक दस्त है और यह चलती जा रही है। उन्होंने आगे बताया कि अगर हर समय सोचने की स्थिति चलती रहे, तो यह दस्त होती है।
चीजों को स्पष्टता के साथ देखें
सद्गुरु के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति को अधिक सोचने की आदत पर ध्यान नहीं देना चाहिए। उन्होंने शरीर को एक कंप्यूटर से तुलना करते हुए कहा कि इसमें जो भी डेटा डाला जाता है यह उसी के मुताबिक काम भी करता है। ऐसे में आपको न तो आत्मचिंतन की जरूरत है और न ही ओवरथिंकिंग की।
हर दिन रहें खुश
उन्होंने आगे बताया कि अगर आप किसी दिन खुश होते हैं, तो 24 घंटे आसानी से एक पल में ही गुजर जाते हैं। वहीं, अगर आप किसी दिन निराश हैं, तो यही एक दिन 1000 साल की तरह लगता है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे में दुखी होकर नहीं जिया जा सकता है। वह आगे कहते हैं कि जिंदगी का हर दिन उमंग से भरा होना चाहिए। अगर हर रोज बेहतर महसूस करेंगे और चमकते रहेंगे, तो आप शारीरिक रूप से बढ़िया रहेंगे और आपकी प्रतिभा खिल उठेगी।
अपने ऊपर करें काम
सद्गुरु ने आगे बताया कि सृष्टि की प्रकृति ऐसी है कि दुनिया में कोई भी वैसा नहीं हो सकता, जैसा आप चाहते हैं। ऐसे में आप अपने को बेहतर करें। आप लोगों को जैसा भी देखना चाहते हैं, उसी तरह आप अपनों को बनाएं। यह सबसे बेस्ट होगा। आगे पढ़िएः Home Gardening Tips: घर की छत पर उगाएं पपीते का पौधा, इस तरह फलों से लद जाएगा पेड़