ber benefits in hindi: बसंत पंचमी की पूजा इस फल के बिना अधूरी मानी जाती है। जी हां, सरस्वती पूजा 2025 इस साल 2 फरवरी को है और इस दिन की पूजा में माता सरस्वती को बेर जरूर चढ़ाए जाते हैं। दरअसल, बेस इस मौसम का मौसमी फल है जिसे खाकर आपका मन खुश हो जाएगा। इसका खट्टा-मीठा स्वाद आपके मुंह को एक अलग ही स्वाद देगा। लेकिन, समझने वाली बात ये है कि इस बसंत ऋतु के फल को खाने के फायदे क्या हैं। पर उससे पहले जानना जरूरी है कि इस फल को खाने का सही समय क्या है और क्या है इसका तरीका, जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

बेर कैसे खाएं-How to eat ber fruit

बेर इस मौसम में आपको जरूर खाना चाहिए। पहले तो इसे धोकर सीधे नमक लगाकर खाएं। धूप के समय खा रहे हैं तो इसे कच्चे तरीके से खाएं। इसे ताजा या सुखाकर पूरा भी बेर खा सकते हैं। इसके अलावा आप इसे रेसिपी को भी फॉलो कर सकते हैं। जैसे

बेर का जूस-ber juice

बेर का जूस सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसके लिए बेर को पीस लें और फिर इसमें थोड़ा सा काला नमक और नींबू का रस मिलाकर पिएं। ये बेर का जूस वेट लॉस में तेजी से मददगार है।

बेर की चटनी-ber chutney

बेर की चटनी खाने में काफी टेस्टी होती है। इसके लिए बेर को पीस लें और फिर एक पैन में थोड़ा सा तेल और सरसों, करी पत्ते का फोरन लगाएं। फिर इसमें पीसी हुई बेर पलट लें। इसमें गुड़, काला नमक और नमक मिलाएं। सबको मिलाकर चटनी को हल्का भून लें और फिर इस चटनी को सर्व करें।

बेर से सूप-ber soup

बेर का सूप आपने कभी पिया है, अगर नहीं तो आपको जरूर पीना चाहिए। इसके लिए बेर को पीस लें और एक पैन में थोड़ा सा तेल डालें। इसमें बारीक-बारीक लहसुन काटकर रख लें। नमक और लाल मिर्च पाउडर मिलाएं। बेर की प्यूरी डाल लें। इसमें थोड़ा सा जीरा पाउडर और काली मिर्च मिला लें। अब इस सूप को पी लें।

बेर खाने के फायदे-ber benefits in hindi

बेर फल प्रोटीन, फैट, आहार फाइबर और खनिज कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, पोटेशियम, सोडियम, क्लोरीन और सल्फर का एक समृद्ध स्रोत है। इसे खाने से डाइजेस्टिव एंजाइम्स बढ़ते हैं और फिर वेट लॉस में मदद मिलती है। ये बॉडी डिटॉक्स करने के साथ इसका विटामिन सी ग्लोइंग पाने में मददगार है। इस प्रकार से बेर का सेवन करने से आपको सर्दी-जुकाम की समस्या नहीं होगी। बर शाम को बेर खाने से बचें। आगे जानते हैं आयुर्वेद में दिन में दो बार Perfume लगाने की सलाह क्यों दी जाती है?