साफ-सफाई एक अलग तरह का सुकून देती है। घर में कितनी साफ-सफाई है, इससे आपके व्यक्तित्व का भी पता चलता है। आसपास जितनी स्वच्छता रहेगी, उतना ही अच्छा महसूस होगा।
अगर कोई घर से बाहर भी साफ-सफाई पर ध्यान देता है, तो यह बताता है कि उसमें सामाजिक अनुशासन कितना है। मिसाल के लिए सड़क पर कोई पत्थर या केले का छिलका गिरा है और आप उसे उठा कर किनारे रख देते हैं, तो इससे पता चलता है कि आप साफ-सफाई के प्रति कितने अनुशासित हैं। ऐसा कर आप कितनों को जख्मी होने के जोखिम से भी बचा लेते हैं।
व्यक्तिगत या सामुदायिक स्वच्छता जीवन का मंत्र ही नहीं, एक नुस्खा भी है सलीके से जीने का। अगर आप इसमें कुशल हैं, तो निश्चित रूप से जीवन में स्वच्छता का सौंदर्य भर सकते हैं। दूसरों को भी संदेश दे सकते हैं कि किस तरह हमें स्वच्छ रहना चाहिए।
इस तरह खुद को रखें साफ
- स्वच्छता का पहला सलीका तो यही है कि स्वयं भी स्वच्छ रहें और दूसरों को भी प्रेरित करें।
- समय पर दांतों का सफाई करें।
- रोज सुबह स्रान करें।
- नाखूनों को नियमित रूप से काटें।
- बाहर से लौटने पर और शौच के बाद हाथों को अच्छी तरह साफ करें। इसे आदत में शामिल करें।
- स्वस्थ रहने का इससे बेहतर नुस्खा नहीं। अगर हम साफ-सुथरे रहें और मन में स्वच्छता न हो, तो यह भी ठीक नहीं। इसके लिए जरूरी है कि मन में मैल न आने दें। विकारों से दूर रहें। सकारात्मक सोच रखें। ईर्ष्या और द्वेष से दूर रहें। तन-मन को साफ रखने का यह भी एक नुस्खा है। व्यक्तिगत स्वच्छता भी जरूरी है।
इस तरह करें घर की सफाई
घर की साफ-सफाई में स्वयं आगे बढ़ कर पहल करें। शुरुआत कहीं से की जा सकती है। वॉशरूम की हर हफ्ते सफाई करें। इससे फर्श से लेकर नल तक और दीवारों की टाइलें भी चमकती रहेंगी। इसके लिए गुनगुने पानी में वाशिंग पाउडर मिला कर उससे सूती कपड़ा भिगो लें। फिर इससे सफाई करें। कुछ ही मिनट में वॉशरूम शीशे की तरह चमक उठेगा।
टाइलों की नियमित सफाई से फिसलने की संभावना भी कम हो जाती है। इसी तरह शौचालय भी साफ करें। बस इतना करना है। गर्म पानी में दो-चीन चम्मच सर्फ डाल कर ब्रश से फर्श और टायलट शीट को अच्छी तरह रगड़ें। यह चमक उठेगा। सामान्य सा यह नुस्खा हमेशा काम आता है।
कोने-कोने पर नजर
घर के सभी कमरों की सफाई सुबह एक बार जरूर हो। झाड़ू के बाद आधी बाल्टी में नींबू की कुछ बूंदें और एक चम्मच नमक डाल कर पोंछा लगाने से कमरा साफ-सुथरा हो जाता है। इससे पहले बिस्तर को झाड़ दें और फिर से चादर लगा दें। कमरा सुंदर और साफ दिखें, इसका सबसे अच्छा नुस्खा ये है कि हर दो दिन में चादर और तकिए का खोल बदल दें। साफ-सुथरे बिस्तर पर सुकून तो मिलता ही है, नींद भी अच्छी आती है।
पंखे और ट्यूबलाइट भी महीने में एक बार सूखे कपड़े से पोंछ दें। यानी साफ-सफाई ऐसी हो कि कमरे में ताजगी का अहसास हो। घर में सफाई हो और बाहर तथा पीछे गंदगी हो, यह ठीक नहीं। घरों के बाहर गाड़ियां कई दिनों तक खड़ी रहती हैं और नीचे गंदगी जमा होती रहती है। अच्छा होगा कि हफ्ते में एक बार वाहन हटा कर उस जगह की सफाई करें। घर के गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग रखें और उसे कूड़ाघर में फिंकवा दें। कचरे का निपटान एक तरह से बीमारियों का निपटान है।