Children’s Day 2018: आज 14 नवंबर है। यानी कि बाल दिवस। भारत में हर साल यह तारीख बच्चों को समर्पित रहती है। स्कूल-कॉलेज में धूमधाम से कार्यक्रम होते हैं। पर क्या आपको पता है कि यह दिवस इसी तारीख पर क्यों मनता है। साथ ही इसका हमारे लिए क्या और कैसा महत्व है? दरअसल, 14 नवंबर को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन होता है। चूंकि पंडित जी को बच्चों से खासा लगाव था। यही कारण है कि उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में देश भर में मनाया जाता है। बाल दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाना है।
बाल दिवस का महत्वः प्रत्येक बच्चे को प्राथमिक शिक्षा का अधिकार है। हमारे संविधान ने बच्चों के लिए विभिन्न अधिकार तय किए गए हैं जिसके लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू ने काफी काम किया था। उन्हें बच्चों से बहुत प्यार था और वह बच्चों को राष्ट्र का भविष्य मानते थे। नेहरू ने भारत को स्वतंत्र बनाने के लिए स्वतंत्रता संग्राम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके अलावा, भारत को आजादी मिलने के बाद नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री बने जिसके बाद उन्होंने बच्चों के कल्याण पर ज़ोर दिया। उनके जन्मदिन पर 14 नवंबर को ना केवल बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है, बल्कि यह दिन महान राजनेता को श्रद्धांजलि देने के लिए भी है।
बाल दिवस का इतिहासः बाल दिवस की नींव साल 1925 में रखी गई थी जिसके बाद से हर साल इसे देशभर में मनाया जाता है। साल 1953 में बाल दिवस को विश्वभर में मान्या प्राप्त हुई थी। यूनाइटेड नेशन्स ने विश्वभर में 20 नवंबर के दिन को बाल दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की। 1950 से कई देशों में 1 जून को बाल संरक्षण दिवस को ही बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में 14 नवंबर का दिन बच्चों के बेहतर विकास, कल्याण और उनके उज्वल भविष्य के लिए काम करने की याद दिलाता है।