खिचड़ी एक ऐसी डिश है जो हर में बनती है। जहां तक टेस्ट की बात है तो आपको खिचड़ी खाने के लिए टेस्ट से थोड़ा-बहुत समझौता करना पड़ेगा लेकिन इसके ऐसे कई फायदे हैं जिनसे आप शायद ही वाकिफ हों। अमूमन लोगों के बीच खिचड़ी को लेकर एक गलत फैह्मी यह है कि खिचड़ी सिर्फ बीमारी में खाई जाती है या फिर यह सिर्फ मरीजों का खाना होता है। मगर खिचड़ी हर किसी के लिए फायदेमंद होती है। जानते हैं उन फायदों के बारे में।

फुल बैलेंस्ड डाइट- खिचड़ी सिर्फ चावल और दाल के मिश्रण से तैयार की गई साधारण डिश नहीं है। यह कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, कैल्शियम, फाइबर, आदि कई चीजों का एक बेहतरीन स्त्रोत है। एक खिचड़ी में किसी बैलेंस्ड डाइट के सारे गुण होते हैं। वहीं आप अपनी सुविधा और स्वाद के अनुसार खिचड़ी में अपनी पसंद की सब्जियां भी मिला सकते हैं।

वाद, पित्त और कफ़ को रखे ठीक- खिचड़ी सिर्फ बीमारी में खाने वाला कोई आम भोजन नहीं है। इसे आयुर्वेद में भी खास जगह दी गई है। खिचड़ी हमारे वाद, पित्त और कफ़ दोष (त्रिदोष) को ठीक रखने में मदद करती है। इसके असावा खिचड़ी हमारे शरीर के पाचन तंत्र, इम्यूनिटी को भी मजबूत करती है।

आइए जानते हैं खिचड़ी बनाने के तरीके के बारे में।
इसे बनाने के लिए आपको छिलका मूंग दाल, किसी भी प्रकार का चावल, बारीक कटी हुई प्याज, बारीक कटा टमाटर, बारीक कटा लसहुन-अदरक, साबुत जीरा, हल्दी पाउडर, थोड़ी सी हींग, 1 बारीक कटी हुई हरी मिर्च की जरूरत होगी। वहीं अगर आपको सूखी खिचड़ी पकानी है तो 3.5 कप पानी का इस्तेमाल करें और अगर पतली खिचड़ी बनानी है तो 4 से 4.5 कप पानी का इस्तेमाल करें। थोड़ा सा तेल या घी और नमक स्वाद अनुसार।

पाक-विधी
-सबसे पहले दाल और चावल को अच्छे से धो लें और दोनों को मिलाकर आधे घंटे के लिए पानी में छोड़ दें।
-इसके बाद एक प्रेशर कूकर में 2 चम्मच घी या तेल डालें और उसमें जीरा डाले।
-जीरे के थोड़ा सा पकने के बाद कूकर में बारीक कटी प्याज डालें, ध्यान रहे आपको प्याज का रंग लाल या फिर सुनहरा होने तक के लिए उसे भूनने की जरूरत नहीं।
-प्याज के हल्का पकने के बाद उसमें कूकर में टमाटर डालें, फिर अदरक और हरी मिर्च
-थोड़ा सा पकने के बाद हल्दी पाउडर और हींग डालें और टमाटर के मुलायम हो जाने तक उस मिश्रण को पकाएं।
-इसके बाद मिश्रण में पहले से मिलाए हुए दाल-चावल डालें, फिर उसमें जरूरत के मुताबिक पानी और नमक डालें।
-थोड़ी देर पाकने के बाद कूकर का ढक्कन बंद कर दें और 6-7 सीटी आने तक पकाएं।
-खिचड़ी को धीमी आंच पर ही पकाएं।
-खिचड़ी पकने के बाद उसे गरमागर्म सर्व करें।
-वहीं अच्चे टेस्ट के लिए आप खिचड़ी का सेवन देसी घी, चटनी या फिर दही के साथ कर सकते हैं।