Hindi Diwas 2020: भारत में हर साल 14 सितंबर को ‘हिंदी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। हिंदी भारत की प्राचीनतम भाषाओं में से एक है। इसे जिस प्रकार से लिखा जाता है बिल्कुल उसी प्रकार से बोला भी जाता है। हिंदी भारत की राजभाषा भी है। हिंदी विश्व में चौथे नंबर की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। अंग्रेजी, स्पेनिश, चीनी भाषा के बाद हिंदी पूरे विश्व के कई कोनों में बोली जाती है। इसे विश्व के कई विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता है। वर्तमान में इंटरनेट पर भी हिंदी की उपस्थिति बढ़ी है। हिंदी में कई प्रसिद्ध कवि, साहित्यकार, रचनाकार हुए जिन्हें विश्व पटल पर सम्मान हासिल किया और हिंदी का गौरव बढ़ाया।
हिन्दी दिवस मनाने के पीछे का इतिहास: हिंदी भाषा को 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा के द्वारा आजाद भारत की मुख्य भाषा के रूप में पहचान दी गई थी। वैसे तो भारत विभिन्न भाषाओं और बोलियों का देश है। लेकिन भारत में करीब 77 प्रतिशत आबादी हिंदी बोलती है। पहली बार हिंदी दिवस मनाने का फैसला साल 1952 में हुआ था। तब से लेकर आजतक इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
क्यों पड़ी हिंदी दिवस मनाने की जरूरत?: हिंदी दिवस मनाने के पीछे एक सबसे बड़ा कारण हिंदी भाषा की समृद्धि को बनाये रखना है। जब अंग्रेज भारत छोड़कर गये तो उस समय हिंदी को एक खास वर्ग की पहचान के रूप में देखा जाता था। ऐसे लोगों को हीन भावना के साथ पिछड़ी पुरानी सोच का माना जाता था।
यह दिन हिंदी में लिखी गई रचनाओं को और इसके ज्ञान संकलन को दुनिया के सामने लाने का जरिया है। जिससे कि हम हिंदी पर गर्व करें और खुलकर इसकी साहित्य सम्पदा से सीख ले सकें।
कैसे मनाते हैं हिंदी दिवस: हिंदी दिवस को मनाने का मुख्य कारण इसकी विशिष्टता को लोगों तक पहुँचाना है। इसके अवसर पर संस्थानों-विद्यालयों में गोष्ठियों का आयोजन किया जाता है। हिन्दी सभाओं, साहित्य अकादमियों के द्वारा साहित्य सम्मेलन, कथा सम्मेलन के माध्यम से कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। विशेषज्ञ लोग हिंदी की खूबियों को आज के दिन लोगों के सामने रखते हैं। जिससे हमें नई नई जानकारियों का ज्ञान होता है।
स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों में निबंध प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगता, कविता पाठ, नाटक, और प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा सरकारी दफ्तरों में हिंदी पखवाड़े का आयोजन होता है। यानी कि 14 सितंबर से लेकर अगले 15 दिनों तक सरकारी दफ्तों में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।

