भारत सरकार ने विदेशी टूरिस्टों को आकर्षित करने के टूरिस्ट फुटबॉल के आधार पर फ्लेक्सिबल ई-वीजा पेश करने का निर्णय लिया है। बीते सप्ताह ही टूरिज्‍म मिनिस्‍टर प्रह्लाद पटेल ने भारत में एक नई ई-टूरिस्‍ट वीजा प्रणाली की घोषणा की थी, जिसके तहत पर्यटकों की संख्या के आधार पर उनसे वीजा शुल्क लिया जाएगा। सरकार ने 80 अमेरिकी डॉलर शुल्क का नया पांच वर्षीय और 40 डॉलर शुल्क का एक साल का ई-टूरिस्‍ट वीजा भी शुरू किया है। जापान, सिंगापुर, श्रीलंका के लिए ऑफ सीजन में ई-टूरिस्‍ट वीजा का शुल्क 30 दिन के लिए 10 डॉलर और एक वर्ष व पांच वर्ष के लिए 25 डॉलर होगा। सरकार के इस निर्णय के बाद आपको भी ई-टूरिस्ट वीजा से जुड़ी कुछ जरूरी बातों के बारे में जानना चाहिए। जानिए क्या होता है ई-टूरिस्ट वीजा और किस सीजन में होगी इसकी ज्यादा और कम डिमांड।

पीक सीजन में ई-टूरिस्ट वीजा की फीस
जुलाई से मार्च तक यानी पीक सीजन के दौरान जब ज्‍यादा संख्या में पर्यटक आते हैं, तब भारत 25 डॉलर का शुल्क यानी 1,794 रुपए के साथ 30 दिनों का ई-टूरिस्‍ट वीजा देगा।

लीन सीजन में ई-टूरिस्ट वीजा की फीस
अप्रैल से जून के महीने में यहां सबसे कम पर्यटक आते हैं और इस सीजन में फुटबॉल गेम होता है। सरकार के निर्णय के मुताबिक इस सीजन में इस वक्‍त भारत 10 डॉलर का शुल्क यानी 717 रुपए के साथ 30 दिनों का ई-टूरिस्‍ट वीजा देगा।

टूरिज्म को बढ़ाने के लिए सरकार का ये प्लान

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने देश के टॉप टूरिस्ट प्लेस पर विदेशी भाषाओं में साइन बोर्ड लगाने, ई-वीजा एप्लीकेशन के टाइम को कम करने और वीजा फीस में भी कमी करने की योजना बनाई है।  इन साइन बोर्ड में क्यूआर कोड भी होंगे, जिसे स्कैन करने पर स्मारक, उसके इतिहास और सभी जानकारी उस भाषा में दी जाएगी।

2022 तक 15 जगबों की करेंगे सैर

15 अगस्त के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में टूरिज्म को बढ़ावा देने की बात कही थी। पीएम मोदी ने देश में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए लोगों से अपील की है कि वे 2022 तक देश में कम से कम 15 टूरिस्ट डेस्टिनेशन की सैर करें।