रमजान का महीना इस्लाम में बड़ा ही पावन माना जाता है। रमजान के महीना के दौरान रोजे रखने का बहुत अधिक महत्व होता है। रमजान के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग रोजे रखते हैं, कुरान पढ़ते हैं और रात में एक विशेष नमाज भी अदा करते हैं। इस साल इस्लामिक धर्म के अनुसार 23 और 24 अप्रैल को रमजान या रमदान है। मुस्लिम धर्म के लोग रमजान के दौरान रखे गए रोजे में पानी की एक बूंद भी नहीं पीते हैं। इस्लामिक धर्म के अनुसार 7 साल की उम्र के बाद व्यक्ति रोजे रख सकता है। इस्लामिक धर्म के अनुसार रोजे रखने से अल्लाह खुश होते हैं और सभी दुआओं को कुबूल करते हैं। इस साल कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से लोग दुआ करने मस्जिद नहीं जा पाएंगें, लेकिन सोशल मीडिया के जरिए अपने करीबी रिश्तेदारों और दोस्तों को मैसेज और फोटोज भेजकर मुबारकबाद तो जरूर दे सकते हैं-
1. फूलों को बहार मुबारक,
किसानों को खलिहान मुबारक,
परिंदों को उड़ान मुबारक,
चांद को सितारे मुबाक
आपको रमजान मुबारक
2. चांद सूरज और तारे
कहने आए हैं तुमको सारे
रमज़ान में रोजे की मांगो दुआ
और समझो हर सपना पूरा हुआ
रमज़ान मुबारक
3. कायम रहे खुदा पे वो ईमान मुबारक
ईमान मुकम्मल हो ये अरमान मुबारक
दिल-जिस्म-रूह पाक रहे दौर-ए-इबादत
अल्लाह के बंदों को पहला रोजा मुबारक
4. बे-जुबान को जब वो जुबान देता है
परहें को फिर वो कुरान देता है
बक्शने पर आए जब उम्मत के गुनाहोंं को
तोहफे में गुनहगारों को रमज़ान देता है
रमज़ान मुबारक
5. मुबारक हो आपको खुदा की दी यह जिंदगी
खुशियों से भरी रहे आपको यह जिंदगी
गम का साया कभी आप पर न आए
दुआ है यह हमारी आप सदा यूं ही मुस्कुराएं
रमजान मुबारक
6. जिक्र से दिल को आबाद करना,
गुनाहों से खुद को पाक करना
हमारी बस इतनी सी गुजारिश है कि
रमजान के महीने में हमें भी
खुद की दुआवों में याद रखना
रमजान मुबारक
7. रमजान का चांद देखा,
रोजे की दुआ मांगी,
रोशन सितारा देखा,
आप की खैरियत की दुआ मांगी,
रामादान मुबारक
रमजान अवधि में अनावश्यक रूप में दो पहिया या चार पहिया वाहनों के उपयोग पर रोक होगी। विशेष परिस्थिति मे शारीरिक दूरी पालन करते हुए दो पहिया पर एक व्यक्ति और चार पहिया पर चालक सहित दो व्यक्ति जिसमें चालक के पीछे वाली सीट पर एक व्यक्ति बैठेंगे। इसका हर हाल में पालन करना होगा।
बीते कल शाम में चांद दिखने के साथ ही रमज़ान का ऐलान हो गया है। दिल्ली समेत पूरे देश में रमज़ान का मुकद्दस महीना आज से शुरू हो गया। उलेमा ने कोरोनावायरस को देखते हुए मुस्लिम समुदाय से घरों में ही इबादत करने की अपील की है।
ऐ माह-ए-रमजान आहिस्ता चल,
अभी काफी कर्ज चुकाना है,
अल्लाह को करना है राजी और गुनाहों को मिटाना है,
ख्वाबों को लिखना है और रब को मनाना है।
रमजान मुबारक
होठों पे ना कभी कोई शिकवा चाहिए,
बस निगाह-ए-करम और दुआ चाहिए,
चांद तारों की तमन्ना नहीं मुझको,
आप रहें सलामत खुदा से यही खैरात चाहिए!
रमजान मुबारक…
ये सुबह जितनी खूबसूरत है,
उतना ही खूबसूरत आपका हर एक पल हो,
जितनी भी खुशियां आपके पास आज हैं,
उससे भी ज्यादा वो आपके पास कल हों
1. रोजा रखकर घर पर ही रहें
2. सामूहिक इफ्तार पार्टी से परहेज करें
3. मस्जिद नहीं घर पर पड़े नमाज
4. कसरत से कुरआन की तिलावत करें
5. इबादत के समय सोशल डिस्टेंसिंग का रखें ध्यान
6. रोजा घर पर ही खोलें
साल के बारह महीनों में रमजान का महीना मुसलमानों के लिए खास मायने रखता है। यह महीना संयम और समर्पण के साथ खुदा की इबादत का महीना माना जाता है जिसमें हर आदमी अपनी रूह को पवित्र करने के साथ अपनी दुनियादारी की हर हरकत को पूरी तत्परता के साथ वश में रखते हुए केवल अल्लाह की इबादत में समर्पित हो जाता है।
ना रहेगा ये सदा, कुछ ही दिन का मेहमान है
रहमत से भर लो झोलियां, गुजर रहा माह-ए-रमजान है
रमजान मुबारक!

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्पष्ट किया कि अज़ान पर कोई प्रतिबंध नहीं है। सिसोदिया ने ट्वीट किया, "लॉकडाउन के दौरान मस्जिदों में या किसी अन्य धार्मिक स्थान पर लोगों के एकत्र होने पर पूर्ण प्रतिबंध है।"
सुनो फिर रमजान आ गया है,
खुदा की रहमतें और बरकतें लेकर।
रमजान मुबारक
रमज़ान मुसलमानों के लिए सबसे पाक महीना होता है। समुदाय के सदस्य पूरे महीने रोज़ा रखते हैं और सूरज निकलने से लेकर डूबने तक कुछ नहीं खाते पीते हैं। साथ में महीने भर इबादत करते हैं और अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं।
ऐ माह-ए-रमजान आहिस्ता चल,
अभी काफी कर्ज चुकाना है,
अल्लाह को करना है राजी और गुनाहों को मिटाना है,
ख्वाबों को लिखना है और रब को मनाना है।
रमजान मुबारक
आपको हजारों खुशियां नसीब हो,
और आपकी तमाम इबादत मकबूल हो-
मंजूर हो,
अल्लाह हम सब पे अपना फजल कायम करे।
Happy Ramadan 2020
मुबारक हो आपको खुदा की दी यह जिंदगी,
खुशियों से भरी रहे आपकी यह जिंदगी,
गम का साया कभी आप पर ना आए,
दुआ है यह हमारी आप सदा यूं ही मुस्कुराएं रमजान मुबारक!
सदा हंसते रहो जैसे हंसते हैं फूल,

दुनिया के सारे गम तुम जाओ भूल,
चारों तरफ फैलाओ खुशियों के गीत,
इसी उम्मीद के साथ आपको मुबारक हो रमजान।
चांद सूरज और ये तारे,
कहने आए हैं तुमको सारे रमजान में,
रोजे की मांगो दुआ,
और समझो हर सपना है पूरा हुआ।
अर्ज किया है,
इख्तियार-ए-तरन्नुम सी तबस्सुम की,
रोशनी को जला देना,
वाह वाह वाह!
मैं सोने लगा हूं,
याद से इफ्तारी के वक्त जगा देना
ए चांद, तू उनको मेरा पैगाम कह देना,
खुशी का दिन और हंसी की शाम देना,
जब वो देखे तुझे बाहर आकर,
उनको मेरी तरफ से रमजान मुबारक कह देना।
आज के दिन क्या घटा छाई है,
चारों ओर खुशियों की फिजा छाई है,
हर कोई कर रहा है सजदा खुदा को,
तुम भी कर लो रमजान का महीना है।
आसमान पे नया चांद है आया,
सारा आलम खुशी से जगमगाया,
हो रही है सहर-ओ-इफ्तार की तैयारी,
सज रही हैं दुआओं की सवारी,
पूरे हो आपके हर दिल के अरमान,
मुबारक हो प्यारा रमजान!
रमजान लेकर आया है
दुआओं की झोली में,
खुदा के अल्फाज।
दिल से अल्लाह को याद करो
और पढ़ते रहिए नमाज
ना रहेगा ये सदा, कुछ ही दिन का मेहमान है,
रहमत से भर लो झोलियां, गुजर रहा माह-ए-रमजान है,
रमजान मुबारक !!!