आज देश भर में धूमधाम से भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। जन्माष्टमी के दिन भक्त पूरी श्रद्धा और विधि विधान के साथ व्रत रखते हैं। फिर रात 12 बजते ही पूजा अर्चना करके उनका जन्मोत्सव मनाते हैं। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक कन्हैया का जन्म मथुरा में भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था।

भगवान विष्णु के आठवें अवतार माने गए श्रीकृष्ण के प्राकट्योत्वस पर लोग मंदिरों में दर्शन करते हैं, पूजा-अनुष्ठान कराए जाते हैं, जागरण का आयोजन होता है, झाकियां निकलती हैं और मटकी फोड़ जैसी प्रतियोगिताएं रखी जाती हैं।

इस पावन पर्व का महत्व इतना अधिक है कि इस मौके पर लोग अपने परिजनों और दोस्तों से मिलकर जन्माष्टमी की बधाई देते हैं। हालांकि, कोरोना काल के मद्देनजर सार्वजनिक मेल मिलाप से बचना चाहिए। ऐसे में अपने प्रियजनों को बधाई व शुभकामनाएं आप संदेशों के जरिये भी दे सकते हैं।

पलकें झुकें और नमन हो जाए,
मस्तक झुके और वंदन हो जाए,
ऐसी नजर कहां से लाऊ, मेरे कन्हैया
कि आपको याद करूं और दर्शन हो जाएं।।

गोकुल में है जिनका वास,
गोपियों संग रचाए जो रास
देवकी यशोदा जिनकी मैया,
ऐसे है हमारे कृष्ण कन्हैया
“कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं”

नन्द के घर आनंद भयो…
जय कन्हैया लाल की…
हाथी घोड़ा पालकी…
जय कन्हैया लाल की…
शुभ जन्माष्टमी

माखन चोर नंद किशोर,
बांधी जिसने प्रीत की डोर,
हरे कृष्णा हरे मुरारी,
पूजती जिन्हें दुनिया सारी,
आओ उनके गुणगान करें,
सब मिलकर जन्माष्टमी मनाएं।

राधा की चाहत है कृष्णा,
उसके दिल की विरासत है कृष्णा,
चाहें कितना भी रास रचा ले कृष्णा,
दुनिया तो फिर भी कहती है,
राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा।
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव 2021 की बहुत बधाई।